Housing Prices: रेसिडेंशियल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का निर्माण हो गया 39 फीसदी महंगा, ये है इसकी बड़ी वजह!
Housing Sector: देशभर में घरों की कीमतें जो बढ़ी है उसमें बड़ा योगदान महंगी जमीन के अलावा बिल्डिंग मटेरियल और लेबर कॉस्ट का रहा है.
Real Estate Sector: हाउसिंग सेक्टर (Housing Sector) में कंस्ट्रक्शन कॉस्ट में बेहतहाशा बढ़ोतरी के चलते बड़े शहरों में घरों की कीमतों में भारी उछाल आया है. रियल एस्टेट कंसलटेंट कोलियर्स इंडिया के मुताबिक बिल्डिंग मटेरियल्स और लेबर कॉस्ट के महंगे होने के चलते हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के औसत कंस्ट्रक्शन लागत में बीते चार सालों में 39 फीसदी का उछाल आया है.
कोलियर्स इंडिया (Colliers India) के डेटा के मुताबिक अक्टूबर 2020 में प्रीमियम हाउसिंग प्रोजेक्ट्स (Premium Housing Projects) में औसत कंस्ट्रक्शन लागत 2000 रुपये प्रति वर्ग फुट था जो अक्टूबर 2021 में बढ़कर 2200 रुपये प्रति वर्ग फुट, अक्टूबर 2022 में 2300 रुपये प्रति वर्ग फुट अक्टूबर 2023 में 2500 रुपये प्रति वर्ग फुट और मौजूदा वर्ष 2024 के अक्टूबर महीने में बढ़कर 2780 रुपये प्रति वर्ग फुट पर जा पहुंचा है. यानि पिछले चार सालों में कंस्ट्रक्शन कॉस्ट में 780 रुपये प्रति वर्ग फुट बढ़ा है.
कोलियर्स इंडिया के मुताबिक 15 फ्लोर वाले ग्रेड ए रेसिडेंशियल बिल्डिंग का ये औसत कंस्ट्रक्शन कॉस्ट है और ये लागत टीयर-1 शहरों का है. डेटा के मुताबिक पिछले एक साल में हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के कंस्ट्रक्शन की औसत लागत में 11 फईसदी की बढ़ोतरी आई है. लेबर कॉस्ट में बड़ी बढ़ोतरी के साथ रेत, ईंट, कांच, लकड़ी जैसी कंस्ट्रक्शन सामग्री की कीमतों में इजाफा के चलते घरों का निर्माण करना महंगा हुआ है. हालांकि सीमेंट, स्टील, कॉपर और एल्युमीनियम जैसी निर्माण की सामग्रियों की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी आई है. लेकिन लेबर कॉस्ट में एक साल में 25 फीसदी की बढ़ोतरी के चलते कंस्ट्रक्शन कॉस्ट में बड़ा इजाफा देखने को मिला है.
कोलियर्स इंडिया के सीईओ बादल याग्निक ने कहा, पिछले वर्ष प्रमुख कंस्ट्रक्शन मटेरियल्स की कीमतों में बढ़ोतरी मामूली रही है पर लेबर कॉस्ट के बढ़ने के चलते कंस्ट्रक्शन कॉस्ट बढ़ा है. हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के कंस्ट्रक्शन कॉस्ट में लेबर कॉस्ट की हिस्सेदारी 25 फीसदी के करीब है.
एनारॉक ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत में प्रॉपर्टी की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला है. खासतौर से देश के टॉप 7 शहरों में औसत घरों की कीमत वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में 23 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ बढ़कर 1.23 करोड़ रुपये हो गई है जो पिछले वित्त वर्ष की पहली छिमाही में एक करोड़ रुपये थी. यानी घरों की औसत कीमत में 23 लाख रुपये का इजाफा हुआ है. दिल्ली एनसीआर में घरों की कीमतें सालाना आधार पर 55 फीसदी कीमतें बढ़ी है. बेंगलुरु में 44 फीसदी बढ़ी है. हैदराबाद, चेन्नई, पुणे और कोलकाता में भी घरों की कीमत बढ़ी है.