Repo Rate बढ़ने से घर खरीदारों की धारणाएं हो सकती है प्रभावित, बिक्री पर नहीं होगा खास असर: रियल्टी कंपनियां
रियल एस्टेट से जुड़ी कंपनियों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी से घरों की बिक्री पर ज्यादा असर नहीं होगा. एफोर्डेबल हाउस की बिक्री कुछ प्रभावित हो सकती है.
Reserve Bank Of India (आरबीआई) द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी के निर्णय से ब्याज दर बढ़ना तय है. रियल्टी कंपनियों की मानें तो इससे घर खरीदने वालों की धारणाएं प्रभावित हो सकती हैं और सस्ते और मध्यम आय श्रेणी में हल्का असर देखने को मिल सकता है. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है. रेपो रेट का यह स्तर 3 साल में सबसे अधिक है.
रियल्टी कंपनियों ने कहा कि रेपो रेट में बढ़ोतरी से होम लोन (Home Loan) महंगा होगा. इससे मकान की खरीद क्षमता प्रभावित होगी. हालांकि, पहले की मांग के साथ मौजूदा त्योहारों के देखते हुए प्रभाव सीमित रह सकता है.
प्रॉपर्टी कंसलटेंसी कंपनी एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद होम लोन जल्द ही महंगा हो जाएगा. इससे त्योहारों के दौरान कुछ हद तक खासकर एफोर्डेबल और मध्यम श्रेणी के घरों की बिक्री प्रभावित हो सकती है. होम लोन पर ब्याज दर में बढ़ोतरी और मकानों के दाम बढ़ने के बावजूद जुलाई-सितंबर तिमाही में मकानों की बिक्री 40 से 50 प्रतिशत बढ़ी है.
रियल एस्टेट कंपनियों के शीर्ष संगठन क्रेडाई (Credai) के अध्यक्ष (एनसीआर) और गौड़ समूह के सीएमडी मनोज गौड़ ने कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो दर में वृद्धि अर्थव्यवस्था में विश्वास और भविष्य के विकास के नजरिये को दर्शाती है. यह दुनिया के कई देशों के एग्रेसिव तरीके से नीतिगत दरों में बढ़ोतरी के कारण जरूरी हो गया था. उन्होंने कहा कि इसका रियल एस्टेट क्षेत्र पर मामूली प्रभाव पड़ेगा. घर को लेकर खरीदारों का उत्साह बना हुआ है और इसके बरकरार रहने की उम्मीद है.
लग्जरी मकानों की ब्रोकरेज कंपनी इंडिया सॉथबीज इंटरनेशनल रियल्टी के सीईओ अमित गोयल ने कहा कि त्योहारी सीजन से पहले इस बढ़ोतरी से खरीद धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है.
उन्होंने कहा कि होम लोन की दरें अभी भी 9 प्रतिशत सालाना से कम रहेंगी और लोगों को इस अवसर का उपयोग करना चाहिए और त्योहारों के दौरान बाजारों में उपलब्ध पेशकश और छूट का लाभ उठाना चाहिए.
जेएलएल इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री और शोध प्रमुख सामंतक दास ने कहा कि होम लोन पर ब्याज दर 9 प्रतिशत या इससे अधिक होने से मध्यम अवधि में खासकर मौजूदा त्योहारों के बाद घरों की बिक्री में कमी आ सकती है. उन्होंने कहा कि बैंकों ने मकान कर्ज पर ब्याज दर अप्रैल से 0.80 प्रतिशत बढ़ाई है. यानी उन्होंने रेपो रेट में कुल वृद्धि का 50 प्रतिशत से ज्यादा का बोझ ग्राहकों पर डाला है.
कोलियर्स इंडिया के सीईओ रमेश नायर ने कहा कि मकान खरीदारी को लेकर धारणा महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित होने की संभावना नहीं है.
रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा ने कहा कि रेपो दर में इस वृद्धि से निश्चित रूप से कर्ज महंगा होगा और अचल संपत्ति बाजार का दीर्घकालिक विकास प्रभावित होगा.
त्रेहन समूह के प्रबंध निदेशक सारांश त्रेहन ने कहा कि यह पिछले पांच महीनों में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में की गई लगातार चौथी बढ़ोतरी है. हालांकि, पिछली बढ़ोतरी के बावजूद भी होम लोन की मांग मजबूत बनी हुई है. वास्तव में कई शहरों में इसमें सुधार हो रहा है. इसीलिए, आरबीआई के फैसले का कोई बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है.
स्क्वायर यार्ड के को-फाउंडर और सीएफओ पीयूष बोथरा ने कहा कि आरबीआई के कदम से रियल एस्टेट क्षेत्र में उपभोक्ता की भावनाओं पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा. आवास की मांग मजबूत बनी हुई है और त्योहारों के दौरान इसमें तेजी आने की उम्मीद है.