India Semiconductor Chip Hub: पिछले कई महीनों में देश में ऑटोमोबाइल कंपनियां ( Automobile Companies) सेमीकंडक्टर चिप ( Semiconductor Chip) की कमी से जूझ रही हैं. इसका असर ये हुआ कि देश में गाड़ियों के प्रोडक्शन में बड़ी गिरावट आ गई. इस फेस्टिव सीजन में प्रोडक्शन में कमी के चलते कंपनियां ज्यादा गाड़ियां नहीं बेच पाई. और जो सेमीकंडक्टर चिप मिल रहा था वो उन्हें ऊंची कीमत पर खरीदना पड़ा रहा था. दरअसल भारत सेमीकंडक्टर चिप के लिये पूरी तरह आयात पर निर्भर है. लेकिन ये बीते दिनों की बात रह जाएगी क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के मामले में भारत बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है.
भारत बनेगा Semiconductor और Display मैन्युफैक्चरिंग हब
जल्द ही भारत Semiconductor और Display के मैन्युफैक्चरिंग के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा हब बन सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट ( Cabinet Meeting ) की बैठक में मोदी सरकार ने देश में ही Semiconductor और Display की मैन्युफैकचरिंग का रास्ता खोल दिया है. सरकार ने Semiconductor और Display के देश में मैन्युफैक्चरिंग के लिये निवेश करने वाली कंपनियों को प्रोडेक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (Production Linked Incentive) के तौर पर 76,000 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है.
सरकार देगी इंसेंटिव
Semiconductor Fabs और Display Fabs स्थापित करने वाली कंपनियों को सरकार कुल प्रोजेक्ट का 50 फीसदी वित्तीय मदद करेगी. Semiconductor Design लगाने वाली कंपनियों को भी 50 फीसदी की इंसेंटिव दी जाएगी और किले सेल्स पर से 6 से लेकर 4 फीसदी का अलग से इंसेटिंग दिया जाएगा. लंबी अवधि की रणनीति तैयार करने के लिये India Semiconductor Mission भी तैयार किया जाएगा.
इस योजना के तहत अगले 5 से 6 सालों में देश में 20 से ज्यादा सेमीकंडक्टर डिजाइन, कॉम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग और Display Fabrication( Fab ) यूनिट्स की स्थापना की जाएगी. दरअसल सरकार ने सेमीकंडक्टर चिप यूनिट देश में लगाने को लेकर कंपनियों से Expression of Interest मंगाये थे और उसके एक साल बाद कैबिनेट से इसके लिये मंजूरी ली गई है. अब इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय कंपनियों से आवेदन मंगाएगा. माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से भारत एक बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर सकता है.
देश में बढ़ेगा विदेशी निवेश
Silicon Semiconductor Fabs, Display Fabs,Semiconductor Packaging, Semiconductor Design से जुड़ी कई मल्टीनेशनल भारत में निवेश करेंगे. बड़ी कंपनियों के अलावा देश में Semiconductor और Display की डिजाइन के साथ उसके प्रोडेक्शन के लिये स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा देगी. माना जा रहा है कि सेमीकंडक्टर चिप के मैन्युफैक्चरिंग को लेकर देश में 1.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश आ सकता है. सरकार देश में डिस्पले के लिये दो फैब यूनिट्स और 10 से ज्यादा यूनिट्स डिजाईन और कॉम्पोनेंट बनाने के लिये स्थापित कराना चाहती है.
Semiconductor और Display मैन्युफैक्चरिंग बेहद ही संजीदा और technology-intensive sector है जिसमें बहुत ज्यादा पूंजी निवेश की आवश्यकता पड़ती है. साथ ही इसके प्रोडक्शन में बेहद जोखिम के साथ लगातार टेक्नोलॉजी में बदलाव का जोखिम भी जुड़ा है. सरकार के इस योजना से Semiconductor और Display मैन्युफैक्चरिंग के लिये पूंजी निवेश का रास्ता साफ होगा साथ ही टेक्नोलॉजी क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों में साझोदारियां भी देखने को मिलेगी.
हाई क्वालिटी रोजगार के अवसर
सरकार के इस फैसले के चलते देश में रोजगार के भी बड़े अवसर तैयार होने की उम्मीद है. इस योजना के तहत देश में 35,000 हाई क्वालिटी वाले रोजगार तैयार होंगे तो एक लाख से ज्यादा लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलने की उम्मीद है. Semiconductor और Display ecosystem तैयार होने का अर्थव्यवस्था को जबरदस्त फायदा होगा. देश को 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल इकॉमनी बनाने के साथ 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगा.
चिप का इस्तेमाल कार से मोबाइल तक में
सेमीकंडक्टर चिप की कमी से पूरी दुनिया जूझ रही है. जिसके चलते कीमतों में बड़ी उछाल आई है. आपको बता दें सेमीकंडक्टर चिप का इस्तेमाल कार से लेकर मोबाइल फोन के प्रोडेक्शन में किया जाता है. इसके अलावा सेमीकंडक्टर चिप का इस्तेमाल टीवी, लैपटॉप और वॉशिंग मशीन में भी किया जाता है.