कैसा रहा था शेयर बाजार, जब आखिरी बार कोई पार्टी निकली थी 400 के पार?
Lok Sabha Election: भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने 'अबकी बार, 400 पार' का नारा दिया है. इससे पहले साल 1984 में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने यह आंकड़ा पार किया था.
Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव के 7वें और अंतिम चरण का मतदान एक जून को संपन्न हो चुका है. इसके साथ ही एग्जिट पोल भी जनता के सामने आ चुके हैं. सभी एग्जिट पोल में प्रचंड बहुमत से नरेंद्र मोदी ही तीसरी बार प्रधानमंत्री बनते दिखाई दे रहे हैं. एनडीए का आंकड़ा कुछ एग्जिट पोल में 400 के पार भी जाता दिखाई दे रहा है. अब देश की जनता को बेसब्री से 4 जून का इंतजार है, जिस दिन चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे. अगर एनडीए 400 पार जाता है तो यह एक रिकॉर्ड होगा. इससे पहले साल 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की हत्या के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस को 414 सीटें आई थीं. आज हम 1984 के दौरान देश की इकोनॉमी से लेकर शेयर मार्केट की स्थिति पर आपको जानकारी देने जा रहे हैं.
आधी थी जीडीपी की रफ्तार
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, साल 1984 में जब राजीव गांधी पीएम बने तो उस समय 1970 से लेकर 1980 तक भारत की इकोनॉमी (Indian Economy) बहुत सुस्त 3.48 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ रही थी. कुछ इकोनॉमिस्ट इसे ‘हिन्दू रेट ऑफ ग्रोथ’ भी कहा करते थे. साल 1983 में यह उछलकर 7.29 फीसदी पर आ गई थी. मगर, 1984 में बड़ी गिरावट के साथ इकोनॉमी की रफ्तार 3.82 फीसदी ही रह गई.
1984 के मुकाबले विशालकाय हुई जीडीपी
हालिया आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी की रफ्तार वित्त वर्ष 2024 में 8.2 फीसदी रही है. साल 1984 में भारत की जीडीपी सिर्फ 212.16 अरब डॉलर थी, जो कि अब विशालकाय होकर 3.9 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच चुकी है. साल 1984 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 5.6 अरब डॉलर था, जो कि अब 648.7 अरब डॉलर हो चुका है. साल 1984 के चुनावों से पहले बीएसई का सेंसेक्स 300 प्वॉइंट्स से भी कम था, जो कि अब 73,961.31 प्वॉइंट पर पहुंच चुका है.
डॉलर के मुकाबले रुपया था बहुत मजबूत
साल 1984 में रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले बहुत मजबूत थी. एक डॉलर के मुकाबले सिर्फ 12.32 रुपये ही मिलते थे. हालांकि, अब डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू 83.43 हो चुकी है.
400 का सपना देख रही भाजपा 2 सीटों पर सिमटी थी
भाजपा ने यह चुनाव ‘अबकी बार, 400 पार’ के नारे के साथ लड़ा है. यदि ऐसा होता है राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के बाद नरेंद्र मोदी ऐसे बहुमत के साथ पीएम बनने वाले पहले व्यक्ति होंगे. साल 1984 में कांग्रेस के बाद सबसे बड़ा दल 30 सीटों के साथ तेलगु देशम पार्टी बनी थी. इसके बाद कम्युनिस्ट पार्टी को 22, जनता पार्टी को 10, चरण सिंह के लोकदल को 3 और आज सत्ता में मौजूद भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ 2 सीटें मिली थीं.
ये भी पढ़ें
Gautam Adani: गौतम अडानी ने छीना मुकेश अंबानी का ताज, बन गए एशिया के सबसे रईस इंसान