देश की अर्थव्यवस्था में रियल एस्टेट की अहम भूमिका होती है. रियल एस्टेट में हाउसिंग सेक्टर सबसे अहम है क्योंकि लोग घर खरीदने के लिए अपनी जमा पूंजी इसमें लगाते हैं. सरकार ने लोगों का घर का सपना पूरा करने के लिए कई योजनाएं और नीतियां लागू की हैं. ऐसे में अभी घर खरीदना फायदेमंद हो सकता है.
रेरा एक्ट से पूंजी की सुरक्षा
सरकार ने 2016 में ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट (रेरा) लागू किया. यह एक्ट ग्राहकों की पूंजी को सुरक्षित बनाता है और बिल्डर पैसा लेकर भाग नहीं सकते. इस कानून के तहत बिल्डर को एक निश्चित अवधि में घर देना होता है.ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम
अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम में लोगों को कम कीमतों पर घर उपलब्ध कराए जाते हैं. कुछ सालों इसके के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है. सरकार लोगों को इसके तहत ज्यादा से ज्यादा घर मुहैया जाने पर फोकस कर रही है. इसके लिए होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट, सब्सिडी, बिल्डर को टैक्स की छूट आदि दिए जा रहे हैं.
रेडी टू मूव अपार्टमेंट की बढ़ती मांग
आजकल लोग पैसे जमा कराने के बाद कई साल तक घर का इंतजार नहीं करना चाहते. ऐसे में रेडी टू मूव अपार्टमेंट लोग ज्यादा खरीद रहे हैं. इसके लिए लोग कुछ ज्यादा पैसा देने के लिए भी तैयार रहते हैं. रेडी टू मूव घरों पर रियल एस्टेट कंपनियां भी कई ऑफर रही हैं जिससे इनकी मांग में इजाफा हुआ है.
होम लोन पर कम ब्याज दर
होम लोन पर ब्याज की दरें काफी कम हो गई हैं. अब तो हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की तुलना में बैंक भी कम इंटरेस्ट रेट पर होम लोन दे रहे हैं. इससे ग्राहकों को फायदा हो रहा है. एसबीआई तो होम लोन पर प्रोसेसिंग फीस भी नहीं ले रहा है.
कई राज्यों में स्टांप ड्यूटी में कमी
घरों की बिक्री बढ़ाने के लिए कई राज्यों ने स्टांप ड्यूटी में छूट दी है. इनमें महाराष्ट्र कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य शामिल हैं. सर्कल रेट भी कम किया गया है. लोगों को आसानी से घर मुहैया कराने के लिए कई नियमों में ढील दी गई है.
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