निवेश करने के मामले में हर किसी के निर्णय में रिटर्न का बड़ा रोल रहता है. लोग अपनी बचत के पैसों को सुरक्षित रखते हुए उससे ज्यादा से ज्यादा कमाई करने के लिए निवेश करते हैं. ऐसे में लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल आता है कि उनके निवेश को डबल होने में कितना समय लगने वाला है.
पर्सनल फाइनेंस का मजेदार नियम
अगर आपने भी निवेश करते समय कभी इस तरह के सवालों का सामना किया है तो पर्सनल फाइनेंस का एक आसान नियम पूरे कैलकुलेशन को चुटकियों में संभव बना देगा. पर्सनल फाइनेंस के इस नियम को रूल 72 या रूल 72 ऑफ पर्सनल फाइनेंस के नाम से जाना जाता है. इसकी मदद से आप आसानी से पता कर सकते हैं कि आपने जो निवेश किया है, उसे डबल होने में कितना समय लगने वाला है.
चक्रवृद्धि ब्याज के लिए ये नियम
दरअसल कई तरह के निवेश पर लोगों को सामान्य ब्याज मिलता है, जबकि कई मामलों में चक्रवृद्धि ब्याज का फायदा मिलता है. चक्रवृद्धि ब्याज यानी कम्पाउंडिंग के मामले में निवेशकों को अपने पैसे डबल करने में कम समय लगता है, लेकिन इसका कैलकेलुशन करना थोड़ा जटिल हो जाता है. इसी कैलकुलेशन को पर्सनल फाइनेंस का रूल 72 आसान बनाता है.
पैसे पर महंगाई का असर
इस नियम को जानने से पहले यह समझना जरूरी है कि महंगाई आपके पैसों पर किस तरह से असर डालती है. महंगाई के चलते हर किसी की क्रय शक्ति पर सीधा असर पड़ता है. इसके चलते पैसे की वैल्यू स्थिर नहीं रह पाती है और साल दर साल कम होती जाती है. यही कारण है कि निवेशकों को एक्सपर्ट हमेशा निवेश के उन विकल्पों को चुनने की सलाह देते हैं, जो महंगाई की दर से ज्यादा रिटर्न दे रहे हों, क्योंकि वास्तव में सिर्फ तभी आपके पैसों की वैल्यू बढ़ रही होती है.
इस तरह काम करता है नियम
अब मान लीजिए आप 10 लाख रुपये निवेश कर रहे हैं. आपने उसे किसी बैंक में एफडी करा दिया और बैंक आपको 10 लाख की एफडी पर 8 फीसदी की दर से चक्रवृद्धि ब्याज ऑफर कर रहा है. रूल 72 के हिसाब से आपको रिटर्न की दर से 72 को डिवाइड करना होगा. अब जो अंक प्राप्त होगा, वह आपके निवेश को डबल होने में लगने वाले साल का होगा. इस मामले में 72 को 8 से डिवाइड करने पर 9 मिलता है. यानी 8 फीसदी ब्याज देने वाली एफडी में आपके 10 लाख रुपये को 20 लाख बनने में 9 साल लगने वाले हैं.
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