OPD Cover Ensures : स्वास्थ्य बीमा में OPD कवर जरूर लें, ऐसे समझें क्यों पड़ती है इसकी जरूरत
OPD Cover: ट्रेडिशनल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में ओपीडी कवर नहीं मिलता था. मतलब कि हॉस्पिटल में दाखिल हुए बिना अगर आप इलाज कराते हैं तो आपको अपनी जेब से खर्च करना होगा. यह खर्च काफी ज्यादा होता है.
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OPD Cover Ensures in India: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) ने स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) को लेकर सभी को सजग बना दिया है. अब हर किसी को अपने और अपने परिवार के लिए स्वास्थ्य बीमा कराने को लेकर ज्यादा सोचना नहीं पड़ता है. उन्हें इसकी अहमियत समझ आ चुकी है. अगर आप हेल्थ बीमा लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है.
पहले नहीं मिलता था OPD कवर
मालूम हो कि पहले ज्यादातर ट्रेडिशनल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में ओपीडी कवर (OPD Cover) नहीं मिलता था. इसका मतलब है कि हॉस्पिटल में दाखिल हुए बिना अगर आप इलाज कराते हैं तो आपको अपनी जेब से खर्च करना होगा. यह खर्च काफी ज्यादा होता है. इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में ओपीडी कवर का होना बहुत जरूरी है.
ऐसे समझें क्यों हैं जरूरी कवर
पॉलिसी बाजार के हेल्थ और ट्रैवल इंश्योरेंस हेड अमित छाबड़ा का कहना है कि ओपीडी कवर की अहमियत इस बात से समझी जा सकती है कि टोटल हेल्थकेयर खर्च में से केवल ओपीडी खर्च ही 70 फीसदी तक होता है. ज्यादातर बीमारियों में मरीज को अस्पताल में दाखिल होने की जरूरत नहीं होती. उसे केवल अस्पताल जाकर डॉक्टर से परामर्श लेकर टेस्ट आदि कराकर दवाइयां लेकर ही आना होता है. अब कंपनियां इंश्योरेंस पॉलिसी में इन-बिल्ट या एड ऑन के रूप में ओपीडी कवर उपलब्ध करवा रही हैं. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि आपकी पॉलिसी में ओपीडी कवर हो. अगर पॉलिसी में इन बिल्ट ओपीडी कवर नहीं है तो एड ऑन से इसे पॉलिसी में शामिल करें.
ये खर्चे होंगे शामिल
OPD खर्च
ओपीडी खर्च तब होता है जब हम अस्पताल में डॉक्टर से परामर्श लेने, चेक-अप कराने या फिर कोई टेस्ट कराने जाते हैं. बिना ओपीडी कवर के इन सबके लिए हमें जेब से पैसे चुकाने होते हैं. ओपीडी कवर में ये चीजें शामिल होती हैं.
डॉक्टर से परामर्श
ओपीडी कवर में डॉक्टर से परामर्श के लिए लगने वाली फीस शामिल होती है. किसी के बीमार होने पर अस्पताल के कई चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. हर बार डॉक्टर को परामर्श फीस चुकानी होती है.
डॉयग्नोस्टिक टेस्ट्स
बीमार होने पर कई तरह के टेस्ट भी कराने पड़ सकते हैं. वास्तविक रूप से इलाज शुरू होने से पहले इन पर काफी खर्च हो जाता है. अगर आपकी पॉलिसी में ओपीडी कवर होगा तो आप इस खर्च से बच जाएंगे.
दवाइयों का खर्च
बीमारी के इलाज में दवाइयों पर बहुत पैसा खर्च होता है. ओपीडी कवर में फार्मेसी पर होने वाले पैसे की भरपाई भी बीमा कंपनी करती है.
वेटिंग पीरियड
ओपीडी कवर के साथ आने वाली कुछ पॉलिसी में आपको वेटिंग पीरियड मिलता है. इसमें कुछ में ऐसी कोई शर्त नहीं होती. इसलिए वेटिंग पीरियड के बारे में जरूर जान लें. इसके कुछ कंपनियां 3,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक का सम एश्योर्ड दे रही ती हैं. इसके बारे में पता कर लें.
कैशलेस सुविधा
आपको बता दें कि ओपीडी कवर वाली पॉलिसी लेते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि अगर आप कैशलेस ऑप्शन बीमा ले रहे हैं, तो यह सुविधा केवल कंपनी के नेटवर्क अस्पताल में ही मिलेगी. दूसरे अस्पतालों में नहीं. तो पॉलिसी लेते समय उस कंपनी का चुनाव करें, जिसके पास नेटवर्क में ज्यादातर अस्पताल हो.
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