New Asset Class: जानिए सेबी के नए इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट के बारे में, कितना है निवेश की न्यूनतम लिमिट?
New Asset Class: जो निवेशक ज्यादा निवेश करना चाहते हैं और जोखिम भी ले सकते हैं उनके लिए सेबी निवेश का नया विकल्प लेकर आया है.
नया इंवेस्टमेंट SEBI Update: निवेशकों के पास जल्द ही म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (Portfolio Management Services) के अलावा निवेश का एक और विकल्प होगा. शेयर बाजार के रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने नए इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट ( New Investment Product) या निवेश के लिए नए एसेट क्लास ( New Asset Class) के लॉन्च को मंजूरी दे दी है जो म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के बीच निवेश के लिए बड़ी खाई को भरने का काम करेगा. नया इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट वैसे निवेशकों के लिए होगा जो ज्यादा रिटर्न के लिए थोड़े जोखिम लेने को तैयार हैं.
नए एसेट क्लास में निवेश का अवसर
सेबी ने अपनी बोर्ड बैठक में सेबी (म्यूचुअल फंड्स) रेगुलेशंस 1996 के तहत म्यूचुअल फंड फ्रेमवर्क में नए इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट के लॉन्च किए जाने को मंजूरी दे दी है. नया इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट म्यूचुअल फंड और पीएमएस के बीच का प्रोडक्ट होगा. नया इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट निवेशकों को ज्यादा रिस्क वाला निवेश का विकल्प मुहैया कराएगा जिसे बेहतर तरीके से रेगुलेट किया जाएगा और बाजार के बेहतर प्रोफेशनल्स इस नए एसेट क्लास को मैनेज करेंगे.
10 लाख रुपये निवेश की लिमिट
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेशक कम से कम 500 रुपये के निवेश के साथ शुरुआत कर सकते हैं. जबकि पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) में निवेश की न्यूनतम लिमिट 50 लाख रुपये है. नए इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट या एसेट क्लास में निवेशकों को एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी में कम से कम 10 लाख रुपये तक निवेश करना होगा.
निवेशकों के हितों की होगी रक्षा
नए इंवेस्टमेंट प्रोडेक्ट में निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए किए गए हैं. जैसे इसमें कोई लेवरेज की इजाजत नहीं होगी. इसके अलावा म्युचुअल फंड्स को जो इजाजत मिली हुई है और हेजिंग और रीबैलेंसिंग के लिए 25 फीसदी तक एसेट अंडर मैनेजमेंट का 25 फीसदी तक डेरिवेटिव्स में एक्सपोजर की इजाजत है इनके अलावा नए एसेट क्लास में अनलिस्टेड कंपनियों और अनरेटेड इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश की इजाजत नहीं होगी.
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