नई दिल्ली: सीमित आमदनी की वजह से हर व्यक्ति यह जानने की कोशिश में लगा रहता है कि टैक्स बचाने के विकल्प क्या-क्या हो सकते हैं. दो दिन पहले ही आपने इनकम टैक्स रिटर्न भरा होगा. हर साल आप कमाई राशि का एक बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में देते हैं. ऐसी स्थिति में आपको आज हम इनकम टैक्स बचत के लिहाज से आयकर कानून के सेक्शन 80C के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद महत्वपूर्ण है. Income Tax कानून के सेक्शन 80C में बहुत से ऐसे विकल्प हैं जिसमें निवेश के जरिये आप 1.5 लाख रुपये तक की रकम पर टैक्स बचा सकते हैं. धारा 80 C के अंतर्गत अधिकतम टैक्स बचत की सीमा 1.5 लाख रुपए है. इस धारा के अंतर्गत, कोई भी निर्धारित न्यूनतम सीमा नहीं है.
यहां निवेश कर पा सकते हैं टैक्स पर छूट
1- पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड या PPF)- पीपीएफ में निवेश कर के आप 1.5 लाख रुपये तक अपना टैक्स बचा सकते हैं. आप अपने जीवनसाथी या बच्चों के नाम से बैंक या पोस्ट ऑफिस में खोले गए PPF अकाउंट में निवेश कर टैक्स राहत पा सकते हैं. अगर आप PPF में निवेश माता-पिता या भाई-बहनों के अकाउंट में करते हैं तो आपको टैक्स में कोई लाभ नहीं मिलता.
2-EPF या VPF (कर्मचारी भविष्य निधि / स्वैच्छिक भविष्य निधि) के जरिए भी आपको लाभ मिलेगा. इसमें निवेश करने से टैक्स में छूट मिलेगी. बता दें कि EPF भारतीय सरकार द्वारा बचत के लिए एक योजना है जो भारतीय सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज दर पर कार्य करती है.आप बैंक एवं पोस्ट ऑफिस के द्वारा निवेश कर सकते हैं. वहीं EPF अकाउंट में कर्मचारियों द्वारा जमा हुए पैसे होते हैं.
3- ELSS एक तरह का म्यूचुअल फंड निवेश है. यह वास्तव में तीन साल की लॉक इन अवधि वाले इक्विटी म्यूचुअल फंड होते हैं. ELSS में निवेश करने पर आप तीन साल के अंदर इस रकम को निकाल नहीं सकते. बहुत से लोग ELSS को टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के नाम से भी जानते हैं. ELSS यूनिट में तीन साल का लॉक इन होता है. इसलिए यूनिट बेचने पर होने वाले फायदे पर आपको टैक्स नहीं देना पड़ता.
4-टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान के जरिए भी आप टैक्स बचा सकते हैं. इसमें आप चुकाए गए प्रीमियम की रकम पर इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं.
5- 13. सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)- केंद्र सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत लॉन्च की गई यह स्कीम EEE कैटेगरी का निवेश उत्पाद है. इसका मतलब यह है कि इसमें निवेश के वक्त टैक्स लाभ, ब्याज पर टैक्स लाभ और मैच्योरिटी पर रकम निकासी पर भी टैक्स छूट मिलती है.
6- सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचत पोस्ट ऑफिस में पांच साल के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट कर के भी किया जा सकता है.इसके अलावा निवेश का एक और विकल्प फिक्स्ड डिपॉजिट के जरिए आप टैक्स में छूट पा सकते हैं. फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि 5 साल की होती है. इसका मतलब यह है कि इस तरह के फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश को आप पांच साल से पहले भुना नहीं सकते. इस पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स नहीं चुकाना होता है.
7- इसके अलावा राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (NSC), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) में निवेश करने भी टैक्स छूट मिलेगी. साथ ही 80C के तहत होम लोन के मूल धन पर भी टैक्स छूट मिलती है.
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