RBI MPC Meeting: आरबीआई के मॉनिटरी पॉलिसी के एलान में अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्टर डोज? रेपो रेट-CRR नहीं घटा तो कैसी रहेगी सेंसेक्स-निफ्टी की चाल!
RBI Repo Rate-CRR cut: आरबीआई के रेपो रेट में कटौती को लेकर ब्रोकरेज हाउस से लेकर जानकार बंटे हुए हैं. हालांकि सीआरआर में कटौती हो सकती है. इसी पर भारतीय शेयर बाजार का रुख निर्भर करेगा.
RBI Monetary Policy Committee: भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Merket) के लिए आज का दिन बेहद खास है. बाजार की नजर आरबीआई (Reserve Bank Of India) की मॉनिटरी पॉलिसी (Monetary Policy) के एलान पर रहेगी. मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की आर्थिक विकास की गति के धीमे पड़ने के बाद क्या आरबीआई उसे रफ्तार देने के लिए ब्याज दरों में कटौती करने के लिए अपने पॉलिसी रेट यानी रेपो रेट (Repo Rate) को घटाता है या नहीं? साथ ही क्या आरबीआई बैंकिंग सिस्टम में नगदी बढ़ाने के लिए कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में कटौती करेगा? इन बातों पर ये निर्भर करेगा कि इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में जो शानदार तेजी देखने को मिली है वो आगे भी जारी रहती है या नहीं?
शक्तिकांत दास की आखिरी पॉलिसी
भारतीय रिजर्व बैंक के मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास के दूसरे कार्यकाल का ये आखिरी मॉनिटरी पॉलिसी है. सरकार ने अभी तक उनके कार्यकाल को आगे बढ़ाने की घोषणा नहीं की है. 10 दिसंबर, 2024 को उसका कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. ऐसे में बाजार की नजर शक्तिकांत दास पर है कि क्या वे अपने आखिरी पॉलिसी को महंगी ईएमआई से लोगों को राहत देने के साथ अर्थव्यवस्था में आ रही सुस्ती को खत्म करने के लिए मॉनिटरी पॉलिसी के जरिए क्या एलान करते हैं? वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट (GDP GRowth Rate) घटकर 5.4 फीसदी पर आ गई है. मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से लेकर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की राय आरबीआई से जुदा है. ये लोग ग्रोथ को सपोर्ट करने के ब्याज दरों में कटौती किए जाने के पक्ष में हैं. जबकि आरबीआई की प्राथमिकता महंगाई कम करने पर रही है.
फरवरी 2025 से रेपो रेट में कटौती
ब्रोकरेज हाउस आईआईएफएल सिक्योरिटीज (IIFL Institutional Equities) के मुताबिक मौजूदा मॉनिटरी पॉलिसी में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होगा और ये 6.50 फीसदी पर बना रहेगा. आरबीआई ने विकास की चिंताओं को नजरअंदाज कर महंगाई दर के ज्यादा होने के चलते दरों में कटौती नहीं की है. ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक ब्याज दरों में कटौती बेहद जरूरी है जिससे ग्रोथ को गति दी जा सके. आईआईएफएल सिक्योरिटीज के मुताबिक फरवरी 2025 में रेपो रेट में कटौती की शुरुआत होने की उम्मीद है.
CRR में कटौती संभव
ब्रोकरेज हाउस ने अपने रिपोर्ट में कहा कि बैंकों की ओर से दिए जाने वाले कर्ज की रफ्तार धीमी हुई है. निजी खपत भी दूसरी तिमाही में घटा है. ऐसे में आर्थिक विकास को गति देने के लिए आरबीआई को कैश रिजर्व रेश्यो 50 बेसिस प्वाइंट घटाकर प्री-कोविड लेवल 4 फीसदी पर लाना चाहिए जो अभी 4.50 फीसदी है. कैश रिजर्व रेश्यो में कटौती से बैंकों के पास नगदी बढ़ेगी और इससे फरवरी में रेपो रेट कटौती की राह तैयार होगी. एक अनुमान के मुताबिक सीआरआर कटौती से बैंकिंग सिस्टम में 1 से 1.25 लाख करोड़ रुपये नगदी को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
आरबीआई तय करेगा बाजार की चाल
आरबीआई के आज घोषित हो रहे मॉनिटरी पॉलिसी का ही असर है कि गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार शानदार तेजी के साथ बंद हुआ. सेंसेक्स 800 अंकों के उछाल के साथ 81,765 और निफ्टी 240 अंकों की तेजी के साथ 24,708 अंकों पर क्लोज हुआ है. आरबीआई के कर्ज नीति के एलान से पहले बैंकिंग स्टॉक्स में रौनक नजर आ रही है. बैंक निफ्टी 336 अंकों के उछाल के साथ 53,603 अंकों पर क्लोज हुआ है. ऐसे में बाजार में जो दो महीने बाद रौनक लौटी है वो आगे भी जारी रहेगी या नहीं, इसकी दिशा आज एलान होने जा रहे आरबीआई के मॉनिटरी पॉलिसी पर निर्भर करेगा.
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