Update ITR Deadline: इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरना कई लिहाज से फायदेमंद होता है. सबसे पहले तो आप अनावश्यक कानूनी पचड़े में फंसने से बचते हैं, वहीं लोन लेने में भी इसकी जरूरत पड़ जाती है. हालांकि इसके बाद भी ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो आईटीआर (ITR) भरना भूल जाते हैं. कई बार लोगों को ध्यान तो रहता है, लेकिन टालते रहने की आदत में डेडलाइन पार हो जाती है. बाद में ऐसे लोगों के पास पछताने का ही विकल्प बचा रह जाता है.


इनकम टैक्स भेजता है ये नोटिस


अगर आप भी तय समय में इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरते हैं, तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 142 के तहत नोटिस भेज सकता है. खासकर अगर आप टैक्सेबल दायरे में आते हैं, तब तो रिटर्न नहीं भरना काफी मुश्किलें बढ़ा सकता है. हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 142 के तहत मिलने वाला नोटिस देखकर घबराने की जरूरत नहीं है. यह वास्तव में डिपार्टमेंट की ओर से एक रिमाइंडर है, जो टैक्सपेयर को गलती सुधारने की याद दिलाने के लिए भेजा जाता है. हां, अगर आपने इसे भी हल्के में लिया, तब मामला गंभीर बन सकता है.


पार हो चुकी दूसरी भी डेडलाइन


आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 यानी असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख 31 जुलाई 2022 थी. अगर टैक्सपेयर किसी वजह से 31 जुलाई तक रिटर्न नहीं भर पाता है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसे एक मौका देता है. ऐसे मामलों में टैक्सपेयर 5,000 रुपये की लेट फीस चुकाकर 31  दिसंबर 2022 तक बिलेटेड रिटर्न (Belated ITR) भर सकता है. एक वित्त वर्ष में कुल इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होने पर 1,000 रुपये की लेट फीस है. इसके अलावा, दंडात्मक ब्याज लगता है.


अभी भी बचा है ये मौका


अब सवाल उठता है कि अगर आपने बिलेटेड रिटर्न भरने का मौका भी गंवा दिया है, तब क्या होगा... हम आपको यही बताने जा रहे हैं. फाइनेंस एक्ट, 2022 में नई इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग की सुविधा दी गई है, जिसका नाम अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) है. इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139 में एक नया सब-सेक्शन 8(A) जोड़ा गया है. यदि आपके पुराने ITR में किसी तरह की चूक या गलती है या फिर कोई ऐसी इनकम है, जो आप दिखाना भूल गए थे तो अपडेटेड रिटर्न (Updated Return) का रास्ता चुन सकते हैं. इसके अलावा, अगर आपने पहले रिटर्न नहीं भरा है तो भी आप अपडेटेड रिटर्न का इस्तेमाल कर सकते हैं.  संबंधित असेसमेंट ईयर की समाप्ति से दो साल तक अपडेटेड रिटर्न भरा जा सकता है.


चुकानी होगी ये कीमत


हालांकि इसके लिए आपको कीमत चुकानी होगी. रेलेवेंट असेसमेंट ईयर के खत्म होने के 12 महीने के अंदर अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने पर टैक्स और ब्याज के 25 फीसदी के बराबर अतिरिक्त टैक्स देना होगा. ठीक इसी तरह, 12 महीने बाद और 2 साल से पहले अपडेटेड रिटर्न भरने पर 50 फीसदी अतिरिक्त टैक्स भरना होग इसके अलावा, लेट फीस भी देनी होगी.


इस बात का जरूर रखें ध्यान


एक बात और ध्यान रखने वाली है. सिर्फ एक ही बार अपडेटेड रिटर्न भरने का मौका मिलता है. ऐसे में अपडेटेड रिटर्न भरते वक्त ध्यान रखें कि कोई भी एडिशनल इनकम रिपोर्ट करने से रह न जाए, क्योंकि अगर कोई इनकम दिखाने से आप चूक जाते हैं, तो दोबारा अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने का मौका नहीं मिलेगा.