(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Loan Default Impact: लोन में हो गया डिफॉल्ट? घबराएं नहीं, ऐसे ठीक होगा क्रेडिट स्कोर और बैंक भी दे देंगे कर्ज
How to improve Credit Score after Default: कई बार ऐसा हो जाता है कि अप्रत्याशित कारणों से लोगों से ईएमआई मिस हो जाती है. इससे क्रेडिट स्कोर पर बहुत खराब असर होता है, लेकिन उसे सुधारा जा सकता है...
क्या आपने कभी बैंक से लोन लिया है? ज्यादातर लोग किसी न किसी काम से लोन लेते ही हैं. कोई नई कार खरीदने के लिए लोन लेता है, तो कोई अपने घर का सपना पूरा करने के लिए. कोई बिजनेस के लिए लोन लेता है, तो कई लोग अचानक किसी आफत आ जाने पर कर्ज का सहारा लेते हैं. बाद में कई बार ऐसा हो जाता है कि जाने-अनजाने में लोन की किस्तें भरने में चूक हो जाती है, जिसे डिफॉल्ट होना भी कहते हैं.
खराब क्रेडिट स्कोर के कई नुकसान
अगर आप कभी लोन के सिलसिले में बैंक गए होंगे तो आप बखूबी यह बात जानते होंगे कि क्रेडिट स्कोर का कितना महत्व होता है... और जब भी कभी लोन पर डिफॉल्ट होता है तो आपका क्रेडिट स्कोर झटके में बहुत खराब हो जाता है. खराब क्रेडिट स्कोर के कई नुकसान होते हैं. सबसे पहला नुकसान तो यही कि बैंक आपको लोन देने से मना कर सकते हैं. दूसरा नुकसान कि अगर लोन मिलता भी है, तो आपको ब्याज ज्यादा भरना होगा.
अगर आपसे भी कभी लोन की किस्तें भरने में चूक हुई हो तो घबराइए नहीं. डिफॉल्ट करने के बाद क्रेडिट स्कोर खराब जरूर होता है, लेकिन उसे सुधारा जा सकता है. आइए जानते हैं कैसे...
ये 4 कंपनियां बनाती हैं क्रेडिट स्कोर
लोन नहीं चुकाने पर बैंक आपको डिफॉल्टर मानते हैं और इसकी जानकारी क्रेडिट ब्यूरो के पास जाती है. क्रेडिट ब्यूरो इन सूचनाओं के आधार पर आपका क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट हिस्ट्री तैयार करते हैं. लोन डिफॉल्ट करने पर क्रेडिट स्कोर खराब होता है, जो आपकी खराब वित्तीय साख दिखाता है. देश में चार क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों हैं. इनमें क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड (CIBIL), Experian, Equifax और Highmark शामिल हैं. इनमें सिबिल का क्रेडिट स्कोर सबसे पॉपुलर है.
क्रेडिट स्कोर की ये 3 कैटेगरी
क्रेडिट स्कोर एक इंडिकेटर है. यह कर्ज चुकाने की क्षमता दिखाता है. क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच होता है. आमतौर पर 750 से ऊपर का क्रेडिट स्कोर अच्छा माना जाता है. 550 से 750 के बीच का स्कोर ठीक यानी एवरेज, जबकि 550 से नीचे का स्कोर खराब यानी लो क्रेडिट स्कोर माना जाता है.
इस कारण जरूरी है अच्छा क्रेडिट स्कोर
लोन डिफॉल्ट करने के बाद जब आप दोबारा लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो बैंक क्रेडिट ब्यूरो से आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और स्कोर मांगते हैं. ऐसे में आपकी गड़बड़ वित्तीय साख की जानकारी बैंक तक पहुंच जाती है. क्रेडिट स्कोर खराब होने पर कई सालों तक लोन और क्रेडिट कार्ड मिलने में दिक्कत आती है. बैंक लोन देने से मना कर सकते हैं. अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्ति के मुकाबले कम क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्ति को 100 बेसिस प्वाइंट यानी 1 फीसदी तक कर्ज महंगा मिल सकता है. अब तो हाई वैल्यू इंश्योरेंस पॉलिसी और कहीं-कहीं नौकरी के मामले में भी क्रेडिट स्कोर चेक किया जा रहा है.
कार्ड पेमेंट के लिए सेट करें ऑटो-डिबेट
लोन डिफॉल्ट से खराब हुए क्रेडिट स्कोर को सुधारा जा सकता है. सबसे पहले बैंक से बात करके डिफॉल्ट लोन को सेटल करें. लोन सेटलमेंट का भी क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है. दूसरे लोन या क्रेडिट कार्ड का पेमेंट टाइमली करें. अगर आप पेमेंट करना भूल जाते हैं तो ऑटो-डेबिट लगा सकते हैं. अपने बकाया कर्ज को धीरे-धीरे कम करने की कोशिश करें.
क्रेडिट कार्ड का न करें ज्यादा यूज
क्रेडिट कार्ड के मामले में क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो 30 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए. क्रेडिट लिमिट 2 लाख रुपये है तो 60 हजार रुपये तक इस्तेमाल करना ठीक है. क्रेडिट लिमिट का ज्यादा इस्तेमाल दिखाता है कि आप अपनी ज्यादातर कमाई का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में कर रहे हैं, जिसका खराब असर पड़ता है.
ठीक होने में लग सकता है इतना समय
छोटी अवधि में बार-बार लोन के लिए अप्लाई करने से बचें, क्योंकि इसे हार्ड इन्क्वॉयरी माना जाता है. यह कर्ज को लेकर आपकी भूख यानी हंगरी बिहेवियर को दिखाता है, जो क्रेडिट स्कोर पर असर डालता है. आपके लोन पोर्टफोलियो में पर्सनल लोन जैसे अनसिक्योर्ड लोन ज्यादा नहीं होने चाहिए. आपको क्रेडिट स्कोर नियमित चेक करना चाहिए ताकि गलती होने पर सुधारा जा सके. क्रेडिट स्कोर कब सही होगा, इसके लिए कोई फिक्स टाइम नहीं है. आम तौर पर इसमें कम से कम 4 से 12 महीने लग सकते हैं.
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