Minor's Demat account: बच्चों के नाम पर कैसे खुलवाएं डीमैट अकाउंट? यहां जान लीजिए सारे नियम और प्रोसेस
How to Open Demat Account for Minors: शेयर बाजार में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट सबसे जरूरी है. डीमैट अकाउंट के बिना शेयर बाजार में निवेश करना संभव नहीं है...
शेयर बाजार निवेश का एक महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन बनकर उभरा है. नई पीढ़ी में बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जो बैंकों में पैसे रखने के बजाए उन्हें शेयरों में पार्क करना पसंद करते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है कि शेयर बाजार में बैंकों के सेविंग अकाउंट या एफडी से कहीं ज्यादा रिटर्न मिल जाता है. हालांकि कई बार लोगों को दिक्कतें भी आ जाती हैं.
लोगों के पास जानकारी का अभाव
जैसे उदाहरण के लिए- अगर आप अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए निवेश करना चाहते हैं तो बैंकों या पोस्ट ऑफिस में कई आसान व प्रचलित विकल्प मिल जाएंगे. सुकन्या समृद्धि योजना हो या एफडी-आरडी के कई विकल्प हों, लक्ष्य के हिसाब से निवेश के साधन मिल जाते हैं. शेयर बाजार के मामले में इस तरह का स्पेशलाइज्ड प्रोडक्ट नहीं मिल पाता है. हालांकि आप आसानी से अपने बच्चों के लिए शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. इसके लिए आपके पास बस जानकारी होनी चाहिए.
सबसे जरूरी है डीमैट अकाउंट
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सबसे जरूरी चीज है डीमैट अकाउंट. मतलब अगर आप अपने बच्चे के लिए डीमैट अकाउंट ओपन करा लें तो आपकी सारी समस्या यहीं समाप्त हो जाती है. तो हमें बस ये देखना है कि बच्चों के लिए डीमैट अकाउंट ओपन करा सकते हैं या नहीं? अगर करा सकते हैं तो उसका प्रोसेस क्या है?
इस तरह से करा सकते हैं ओपन
बच्चों के लिए खुलने वाले डीमैट अकाउंट को माइनर डीमैट अकाउंट कहते हैं. माइनर डीमैट अकाउंट ओपन कराने की कोई न्यूनतम उम्र सीमा नहीं है. मतलब आपका बच्चा कितना भी छोटा हो, उसके लिए आप शेयरों में इन्वेसट कर सकते हैं, क्योंकि डीमैट अकाउंट ओपन कराने की सुविधा उपलब्ध है. इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि माइनर डीमैट अकाउंट को ज्वाइंट अकाउंट की तरह नहीं खुलवा सकते हैं, बल्कि उन्हें पैरेंट या गार्जियन के साथ खुलवाना होता है.
माइनर डीमैट अकाउंट के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
- पैरेंट या गार्जियन का पैन.
- पैरेंट या गर्जियन का एड्रेस प्रूफ. इसके लिए आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी आदि दे सकते हैं.
- बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र. बाल आधार, स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट या बोर्ड की मार्कशीट से भी काम हो सकता है.
- पैरेंट को सेबी की केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी. उनके ऊपर शेयर बाजार की कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए.
- बच्चे के नाम से बैंक में अकाउंट.
ये भी पढ़ें: वर्ल्ड कप फाइनल में हारने के बाद भी बढ़ी वैल्यू, इस तरह बढ़ने वाली है भारतीय खिलाड़ियों की कमाई