Credit Card Use Tips: डिजिटली पैसों का लेन-देन जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है, क्रेडिट कार्ड से संबंधित डेटा की सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी होती जा रही है. अगर थोड़ी सी भी चूक हुई, तो आप हैंकिंग या धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं. ऐसे में ऑनलाइन पैसों के लेन-देन के दौरान क्रेडिट कार्ड की सुरक्षा मायने रखती है. हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए हम अपने क्रेडिट कार्ड (Credit Card) को सुरक्षित रख सकते हैं. 


वेबसाइट का ध्यान रखना जरूरी


ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दौरान सबसे पहले ये जांच लें कि आप जिस भी किसी वेबसाइट का इस्तेमाल कर रहे हैं वह सुरक्षित है भी या नहीं. इसकी पहचान साइट के URL से करे. अगर इसकी शुरुआत “https://” से हो रही है और साथ में एक लॉक का साइन भी नजर आ रहा है, तो समझ जाए कि वेबसाइट ने आपकी दी हुई जानकारी को एन्क्रिप्ट किया है. यह एक तरीका है, जो दूसरों को आपकी दी हुई जानकारी को पढ़ने से रोकता है. इस तरह से असुरक्षित साइट की पहचान कर  फ्रॉड का शिकार होने से बच सकते हैं. 


फ्री वाईफाई के इस्तेमाल से बचें 


कॉफी शॉप, रेस्टोरेंट या दूसरे किसी पब्लिक प्लेस में कई बार हमें फ्री वाई-फाई की सुविधा मिलती है ताकि हम घंटों इंटरनेट यूज कर सके. हालांकि, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए यह एक अच्छा विकल्प नहीं है. फ्री वाईफाई के इस्तेमाल से आप आसानी से हैकर्स के निशाने आ सकते हैं.


पब्लिक नेटवर्क में आपकी दी जानकारी को एन्क्रिप्ट नहीं किया जाता है. इसके चलते हैकर्स आपके कनेक्शन को टैप कर सकते हैं. अगर बाहर कहीं आपको ऑनलाइन पैसों का लेन-देन करना ही है, तो इस स्थिति में आप वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN)का इस्तेमाल करें. यह काफी हद तक आपकी डेटा को सेव करने में मददगार साबित होता है. 


क्रेडिट कार्ड डिटेल शेयर करने से बचें


फोन, ईमेल या सोशल मीडिया पर अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी शेयर करने से बचें. बैंक कभी भी आपसे CVV, OTP जैसे कार्ड डिटेल नहीं मांगता. ऐसे में अगर कोई आपसे इन चीजों की जानकारी लेना चाहता है, तो तुरंत इसकी शिकायत दर्ज कराएं.


इसके अलावा, फिशिंग भी ऑनलाइन स्कैम का एक तरीका है. इसमें मैसेज भेजकर या किसी वेबसाइट का लिंक देकर उस पर क्लिक करने का आप पर दबाव बनाया जाता है. इसमें हैकर्स ऐसे ईमेल आईडी या वेबसाइट का इस्तेमाल करते हैं, जो दिखने में बिल्कुल ऑरिजिनल लगते हैं.  


OTP की भी ले सकते हैं मदद


दो-कारक प्रमाणीकरण (Two-Factor authentication) आपके क्रेडिट कार्ड को सुरक्षा प्रदान करता है. इसमें जब कभी आप ऑनलाइन पैसों का लेन-देन करते हैं, तो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल पर एक OTP (वन टाइम पासवर्ड) आता है, इसके इस्तेमाल से आप हैकर्स के झांसे में आने से बच सकते हैं. कई बार हैकर्स आपसे आपके क्रेडिट कार्ड की जानकारी लेकर पेमेंट करने की फिराक में रहता है. इस स्थिति में OTP मददगार साबित होता है. 


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