हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए बल्कि वित्तीय स्थिति के लिए भी जरूरी चीज है. महामारी ने इसके महत्व को और बढ़ा दिया है. हालांकि भारत में अभी बहुत कम लोगों व परिवारों के पास हेल्थ इंश्योरेंस है, जिसका सीधा कनेक्शन प्रीमियम से है. दरअसल फिटनेस और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के बीच सीधा संबंध है. इस पर ध्यान देकर प्रीमियम को कम किया जा सकता है.


प्रीमियम कम करने का फॉर्मूला


इंश्योरेंस कंपनियां उम्र, पुरानी मेडिकल हिस्ट्री, BMI यानी बॉडी मास इंडेक्स, स्मोकिंग जैसी कई चीजों के आधार पर प्रीमियम तय करती हैं. अगर आप फिट रहने के लिए एक्सरसाइज करते हैं, हेल्दी डाइट लेते हैं तो बीमारी होने के चांस कम हो जाते हैं. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम करने की संभावना घट जाती है. आइए देखते हैं कि फिटनेस से कैसे प्रीमियम को कम किया जा सकता है...


अहम फैक्टर है बीएमआई


मोटापे की जांच करने के लिए बॉडी मास इंडेक्स यानी BMI सबसे प्रचलित तरीका है. ये बताता है कि शरीर का वजन उसकी लंबाई के अनुपात में ठीक है या नहीं. अगर BMI 18.5 से 24.9 के बीच है तो वजन नॉर्मल यानी ठीक है. 18.5 से कम BMI का मतलब है अंडर वेट. BMI 25 से 29.9 के बीच होने का मतलब ओवर वेट है. अगर आपका BMI 30 से ऊपर है तो आप Obesity यानी मोटापे के शिकार हैं. BMI कैलकुलेटर की मदद से आप ऑनलाइन BMI स्कोर चेक सकते हैं.


इन लोगों को लगता है ज्यादा प्रीमियम


इंश्योरेंस कंपनियां ऐसे लोगों को लेकर काफी सजग रहती हैं, जिनका वजन ज्यादा है या मोटापे के शिकार हैं. ऐसा इसलिए है, क्योंकि अधिक BMI वाले लोगों को डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां होने का खतरा ज्यादा रहता है. ऐसे में भविष्य में उनके हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम करने की संभावना ज्यादा रहती है. यही वजह है कि इंश्योरेंस कंपनियां नॉर्मल BMI वालों के मुकाबले हाई BMI वाले व्यक्तियों से ज्यादा प्रीमियम वसूलती हैं.


इरडा ने दिए हैं ये निर्देश


इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी इरडा (IRDAI) ने हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में वेलनेस और फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे. इसके मुताबिक, इंश्योरेंस कंपनियां ऐसे पॉलिसी होल्डर को रिवॉर्ड प्वाइंट दे सकती हैं, जो हेल्दी बिहेवियर अपनाते हैं या फिर शारीरिक कसरत करते हैं. इसके अलावा, डिस्काउंट कूपन, हेल्थ चेकअप और डायग्नोसिस समेत अन्य पेशकश भी कर सकती हैं.


कंपनियां जोड़ रहीं नए फीचर


फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए इंश्योरेंस कंपनियां धीरे-धीरे अपनी हेल्थ पॉलिसी में नए फीचर्स जोड़ रही हैं ताकि लोग फिटनेस एक्टिविटी से जुड़े रहें. आप जितना फिट रहेंगे, आपको उतना ज्यादा रिवॉर्ड मिलेंगे. जैसे प्रीमियम पर ज्यादा डिस्काउंट, जिम मेंबरशिप, रिन्यूअल के समय प्रीमियम पर डिस्काउंट या सम एश्योर्ड की रकम बढ़ाने की सुविधा.


मिलते हैं इस तरह के रिवार्ड


कुछ बीमा कंपनियां अगले साल के प्रीमियम पर 100 फीसदी तक छूट दे रही हैं, अगर पॉलिसी होल्डर साल के दौरान रोज 10,000 स्टेप चलने जैसे तय मानकों को पूरा करते हैं. फिट बैंड जैसे स्मार्ट वियर डिवाइस या मोबाइल एप के जरिए शारीरिक गतिविधियों का रिकॉर्ड रखा जा सकता है. याद रखें कि अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों की रिवार्ड पॉलिसी और क्राइटेरिया अलग है. यह पॉलिसी धारक के रिस्क प्रोफाइल पर भी निर्भर करता है.


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