(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Income-tax Return : टैक्स बचाना चाहते हैं तो इन पांच तरीकों का लें सहारा
ज्यादातर टैक्सपेयर्स टैक्स छूट के लिए कई विकल्पों में निवेश करते हैं. इनकम टैक्स का सेक्शन 80C व्यक्ति को टैक्सेबल इनकम से 1.5 लाख रुपये तक की छूट का फायदा देता है. यह सबसे पॉपुलर ऑप्शन है.
असेसमेंट ईयर 2021-22 (वित्त वर्ष 2020-21) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है. ऐसे में टैक्सपेयर के मन में टैक्स बचत के कई ऑप्शन अपनाने पर विचार चल रहा होगा. आप इन पांच तरीकों से इनकम टैक्स कटौती में छूट पा सकते हैं. ज्यादातर टैक्सपेयर्स टैक्स छूट के लिए कई विकल्पों में निवेश करते हैं. इनकम टैक्स का सेक्शन 80C व्यक्ति को टैक्सेबल इनकम से 1.5 लाख रुपये तक की छूट का फायदा देता है. यह सबसे पॉपुलर ऑप्शन है. इसके तहत कई तरीके हैं, जिनसे टैक्स छूट ली जा सकती है.
पीपीएफ में निवेश
पीपीएफ में निवेश न केवल सुरक्षित है, बल्कि इसमें टैक्स छूट का पूरा लाभ मिलता है. इस समय पीपीएफ पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है. है, जो सालाना तौर पर चक्रवृद्धि है. . इस स्कीम में निवेश की गई राशि पर 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन लिया जा सकता है. पीपीएफ में कमाई गई ब्याज और मेच्योरिटी की राशि दोनों पर टैक्स छूट मिलती है.
ईएलएसएल ( ELSS) में निवेश
ईएलएसएस के जरिये इक्विटी मार्केट में निवेश किया जाता है. इसमें तीन साल का लॉक इन पीरियड होता है. ईएलएसएस एक टैक्स सेंविंग निवेश इंस्ट्रूमेंट है. ईएलएसएस अधिक रिटर्न के साथ टैक्स सेविंग्स के रूप में निवेशकों को बड़ा फायदा मिलता है. लंबे समय तक इसमें निवेश के जरिये टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है.
इंश्योरेंस प्लान्स
80 सी के तहत इंश्योरेंस प्लान के लिए चुकाए गए प्रीमियम टैक्स छूट के दायरे में आता है. आप पारंपरिक या यूनिट लिंक्ड प्लान यानी यूलिप का चुनाव कर सकते हैं. इसके लिए दिए गए प्रीमियम को टैक्स छूट मिलती है.
टैक्स सेविंग एफडी
एफडी की मेच्योरिटी पर टैक्स बेनिफिट मिलता है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत फिक्स्ड डिपोजिट डेढ़ लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट ली जा सकती है. किसी भी बैंक के पांच साल वाले एफडी पर टैक्स सेविंग एफडी कहा जाता है. सभी बैंक टैक्स सेविंग एफडी की सुविधा देते हैं. टैक्स सेविंग एफडी पर भी सीनियर सिटीजन को अन्य की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है.
सुकन्या समृद्धि योजना
सुकन्या समृद्धि स्कीम में अधिकतम 15 साल तक निवेश किया जा सकता है. इसमें मजमा की जाने वाली रकम पर सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. इसके अलावा जमा रकम पर आने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर मिलने वाला पैसा भी टैक्स फ्री है.
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