छुट्टियां मनाने के लिए विदेश जाने वाले भारतीयों के लिए इस महीने से खर्च बढ़ गया है. इस महीने की पहली तारीख से विदेशी टूर पैकेज पर 20 फीसदी तक टीसीएस लागू हो गया है. इसका मतलब हुआ कि विदेशी टूर पैकेज की कुल लागत भी अब 20 फीसदी तक बढ़ गई हैं. हालांकि एक्सपर्ट बताते हैं कि अभी भी कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो 20 फीसदी टीसीएस से बचा जा सकता है.
टीसीएस की नई दरें
सबसे पहले ये जानते हैं कि 1 अक्टूबर से क्या बदलाव हुआ है. अब अगर आप खुद या अपने परिजनों के साथ विदेश यात्रा पर जाते हैं तो टूर पैकेज पर टीसीएस का भुगतान करना होगा. अगर एक वित्त वर्ष में टूर पैकेज की लागत 7 लाख रुपये से ज्यादा हुई तो 20 फीसदी की दर से टीसीएस का भुगतान करना होगा, जबकि 7 लाख रुपये से कम होने की स्थिति में टीसीएस की दर 5 फीसदी है.
विदेशी टूर पैकेज के लिए ये जरूरी
आप टूर पैकेज चाहे ऑनलाइन बुक करें या ऑफलाइन, आपको टीसीएस का भुगतान करना ही होगा. मतलब दूसरे शब्दों में कहें तो 1 अक्टूबर से विदेशी टूर पैकेज की अपफ्रंट लागत 20 फीसदी तक बढ़ गई हैं. अब सवाल उठता है कि क्या इससे बचने का कोई उपाय है... तो सबसे पहले ये जानते हैं कि टीसीएस नियमों के हिसाब से विदेशी टूर पैकेज क्या है. विदेशी टूर पैकेज के लिए दो चीजें होनी चाहिए. पहली- इंटरनेशनल ट्रैवल टिकट और दूसरी- होटल एकमोडेशन.
अब अगर आप ऑफलाइन या ऑनलाइन विदेशी टूर पैकेज बुक करते हैं तो आपको साथ में टीसीएस का भुगतान करना होगा, भले ही आप पैकेज के लिए रुपये में भुगतान कर रहे हैं. आप मेक माइ ट्रिप, यात्रा या ईज माय ट्रिप जैसे ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर्स के माध्यम से पैकेज बुक करते हैं, तब भी टीसीएस का भुगतान करना होगा.
इस तरह से नहीं बनेगी देनदारी
इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि आप बुकिंग को ब्रेक कर लें. मतलब आने-जाने का टिकट अलग बुक करें. ठहरने के लिए होटल की बुकिंग अलग से करें. लोकल साइट विजिट करने की बुकिंग भी अलग से करें. इस तरह से ब्रेक कर बुकिंग करने पर उसे विदेशी टूर पैकेज नहीं माना जाएगा और इस कारण आपके ऊपर टीसीएस की भी देनदारी नहीं बनेगी.
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