जानिए कैसे बचें एटीएम कार्ड क्लोनिंग और स्किमिंग से, रखें पैसा सेफ
देश के सबसे बड़े बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और उसके सहयोगी बैंकों ने करीब 6 लाख 25 हजार डेबिट कार्ड ब्लॉक कर दिए हैं. एसबीआई के ग्राहक वायरस से प्रभावित एटीएम यूज कर रहे थे. जिसके बाद बैंक ने करीब 0.25 फीसदी कार्ड्स को ब्लॉक कर दिया. इस खबर से जाहिर होता है कि एटीएम कार्ड के फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं. तो आपको भी ये सावधानी रखनी चाहिए कि आपके कार्ड की क्लोनिंग होने जैसे मामले सामने आते जा रहे हैं.
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View In Appअगर आप किसी रेस्टोरैंट में क्रेडिट-डेबिट कार्ड स्वाइप करते हैं तो आपको सिर्फ उस पर भरोसा करके कार्ड नहीं दे देना चाहिए, आपको खुद जाकर देखना चाहिए कि कार्ड सिर्फ ओरिजनल मशीन में ही एक बार स्वाइप किया गया है और किसी दूसरी मशीन में स्वाइप ना किया गया हो.
जब भी आप कार्ड स्वाइप मशीन या कार्ड स्वाइप मशीन में कार्ड का पिन टाइप करें तो इसके ऊपर हाथ रखके इसे छुपा लें जिससें आपके कार्ड का पिन कोई देख ना सके.
आजकई ई-कॉमर्स शॉपिंग वेबसाइट्स, मोबाइल वॉलेट पर आप जब डेबिट-क्रेडिट कार्ड के जरिए पेमेंट कर लेते हैं तो उस पर वो कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट और वैलेडिटी जैसी जानकारी के साथ सेव कर लेते हैं ताकि अगली बार आपका पेमेंट जल्दी से हो जाए और आपको सिर्फ सीवीवी टाइप करके पेमेंट करनो होता है. हम कहेंगे कि ऐसा बिल्कुल ना करें क्योंकि कार्ड सेव करने के जरिए आप सारी जानकारी उस पेमेंट गेटवे पर दे रहे हैं सिवाय सीवीवी के. और सीवीवी कार्ड के पीछे लिखा होता है तो किसी ने अगर आपका सीवीवी जान लिया हो तो वो उसका गलत इस्तेमाल कर सकता है.
आजकल डेबिट-क्रेडिट कार्ड के फ्रॉड के मामले काफी सामने आ रहे हैं जिसमें कार्ड कलोनिंग और कार्ड स्किमिंग जैसे मामलों की संख्या ज्यादा है. तो आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप क्रेडिट-डेबिट कार्ड की क्लोनिंग या स्किमिंग होती है और आप कैसे इससे बच सकते हैं. आगे देखिए सारी सावधानी की जानकारी...
कैसे होती है कार्ड क्लोनिंगः कई तरह की कार्ड स्किमर डिवाइस होती हैं जिनके अंदर क्रेडिट-डेबिट कार्ड स्वाइप करने पर उस कार्ड की सारी जानकारी आपके कंप्यूटर या लैपटॉप में आ जाती है. इसके बाद एक खाली कार्ड लिया जाता है और एडवांस्ड तरह के प्रिंटर के जरिए क्लोन किए गए कार्ड की सारी जानकारी उस कार्ड के ऊपर प्रिंट कर दी जाती है. कई बार तो हूबहू ओरिजनल कार्ड के जैसा डुप्लीकेट या क्लोन्ड क्रेडिट-डेबिट कार्ड तैयार कर लिया जाता है.
तो इस तरह की सावधानियां रखेंगे तो काफी उम्मीद है कि आप डेबिट-क्रेडिट कार्ड के क्लोनिंग, स्किमिंग या कार्ड फ्रॉड से बच सकते हैं. आपकी थोड़ी सी सतर्कता आपको आपके पैसे के ऊपर पूरी सुरक्षा दिला सकती है तो इतना तो आप कर ही सकते हैं.
कार्ड स्किमर से अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड की डुप्लेकेसी ना हो जाए तो आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए. देखें कि कार्ड स्लॉट ज्यादा बल्की यानी मोटा ना हो. कार्ड स्लॉट लूज ना हो और इसमें किसी तरह की ब्लॉकेज ना हो. इसके अलावा पिन पैड ज्यादा स्पॉन्जी या उभरा नहीं होना चाहिए.
आमतौर पर कार्ड स्किमर एटीएम के कार्ड स्लॉट पर लगा होता है और इसके साथ-साथ आपके पिन की जानकारी लेने के लिए चोरों ने छुपे कैमरे का इस्तेमाल करने का तरीका निकाल रखा है.
कई बार कार्ड मशीन में फंसा रह जाता है जिसके बाद आप बैंक को कॉल करने चले जाते हैं और इतनी ही देर में पता चलता है कि आपके खाते में से पैसे निकल गए हैं. ऐसा इसलिए होता है कि आपने जिस एटीएम में कार्ड स्वाइप किया है उसमें चोरों ने टेप लगा रखी हो और आपका कार्ड उसमें चिपक गया हो. आपके कार्ड के उसमें फंसने के बाद जैसे ही आप बाहर जाते हैं चोर आपके कार्ड को निकाल कर और छुपे हुए कैमरा के जरिए जाने हुए आपके पिन को डालकर उस कार्ड से आपका पूरा खाता खाली कर सकते हैं. कई बार ऐसा भी होता है कि कार्ड को चिपके हुए टेप की वजह से बाहर नहीं आता और चोरों का साथी आकर आपको कहता है कि फंसा हुआ कार्ड एटीएम पिन टाइप करके आप दोबारा ले सकते हैं. जब आप दोबारा पिन टाइप करते हैं तो वो साथी उस पिन को जान लेता है. फिर जब आप बैंक को फोन करने बाहर जाते हैं तो उतने समय में आपका कार्ड निकालकर और पिन टाइप कर पैसा निकाल लेते हैं.
आप एटीएम मशीन या दुकानों पर कार्ड स्वाइप मशीन देखें तो इनमें कीपैड ज्यादा मोटा या उभरा नहीं होना चाहिए.
सबसे ज्यादा जरूरी है कि अगर आपका कार्ड एटीएम मशीन या स्टेशनों पर टिकट बुक करने वाली मशीनों में अंदर चला जाए तो आप इसकी सूचना तुरंत बैंक को दें और जहां तक संभव हो तो एटीएम रूम में कैमरे के सामने खड़े होते हुए दें.
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