पर्सनल लोन लेने जा रहे हैं? भूल कर भी न करें ये 5 गलतियां


भारत में पर्सनल लोन लेने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है. पर्सनल लोन निजी जरूरतों को पूरा करने के लिए लिया जाने वाला लोन होता है. लोग अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने या कई बार घर या कार खरीदने के दौरान पैसे घट जाने की वजह से इसका सहारा लेते हैं. कई बार हायर एजुकेशन, मेडिकल इमरजेंसी या दूसरी जरूरतों के लिए यह लोन लिया जाता है. हालांकि होम या ऑटो लोन की तुलना में इसकी ब्याज दर ज्यादा होती है.


पर्सनल लोन लेने में काफी सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि इसकी ब्याज दरें कम से कम 12 फीसदी से शुरू होती हैं, जो कि बहुत ज्यादा है. ज्यादा ब्याज दर आपकी वित्तीय स्थिति को कमजोर कर सकती है. आइए जानते हैं कि पर्सनल लोन कैसे लें? इसकी प्रक्रिया क्या है और पर्सनल लोन वक्त क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.




  1. सबसे पहले तय करें कि आपकी वास्तविक जरूरत क्या है. इसके हिसाब से लोन लेना तय करें.


2.यह पता करें कि आपको कितना लोन मिल सकता है. इसके लिए आप किसी बैंक ब्रांच में जा सकते हैं या फिर बैंक के ऑनलाइन लोन इलिजिबिलटी कैलकुलेटर से इसका पता कर सकते  हैं. एचडीएफसी बैंक जैसे बैंक 40 लाख रुपये तक पर्सनल लोन देते हैं.




  1. आपको जितना लोन चाहिए उसकी ईएमआई का पता करें. यह भी बैंक साइट पर मौजूदा ईएमआई कैलकुलेटर से पता किया जा सकता है. या फिर बैंक ब्रांच से इसका हिसाब लगवा सकते हैं.

  2. पर्सनल लोन के लिए सीधे बैंक शाखा में जाकर अप्लाई कर सकते हैं. आप नेट बैंकिंग, ऑनलाइन ऐप या एटीएम से पर्सनल लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

  3. इसके बाद डॉक्यूमेंट जमा करने होते हैं. इनमें इनकम प्रूफ के तौर पर सैलरी स्लिप या फिर सेल्फ एंप्लायड लोगों के लिए इनकम टैक्स प्रूफ चाहिए होता है. एड्रेस प्रूफ, आइडेंटिटी फ्रूफ डॉक्यूमेंट या फिर सेल्फ एंप्लायड लोगों को डिग्री या लाइसेंस का प्रूफ भी देना पड़ता है.


पर्सनल लोन एक से पांच साल की अवधि के लिए हो सकता है. अमूमन बैंक या एनबीएफसी लोन देते वक्त यह देखते हैं कि आपकी ईएमआई आपकी मंथली सैलरी के 40 से 50 फीसदी से ज्यादा न हो. आइए अब देखते हैं पर्सनल लोन लेते वक्त क्या सावधानी बरतनी चाहिए.




  1. लोन देने वालों का चुनाव करने में सावधानी बरतें - बैंक और एनबीएफसी पर्सनल लोन की काफी आक्रामक मार्केटिंग करते हैं. हर कोई कम से कम इंटरेस्ट रेट का दावा करता है. लेकिन आप रिसर्च कर लीजिए. कुछ बैंक शाखाओं में जाकर इसका पता कर सकते हैं या फिर लोन एग्रीगेटर वेबसाइटों पर यह पता कर सकते हैं सबसे कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन कौन दे रहा है.


2.फ्लैट रेट से बचें - बैंक फ्लैट रेट पर लोन देने का दावा करते हैं. लेकिन फ्लैट रेट के चक्कर में मत पड़िये. यह ग्राहक को गुमराह करने वाली स्ट्रेटजी है. फ्लैट रेट से यह पता नहीं चलता कि आपका लोन कितना महंगा पड़ रहा है.




  1. जीरो पर्सेंट ईएमआई से बचें - बैंक जीरो पर्सेंट ईएमआई का लालच देकर लोन ऑफर करते हैं. लेकिन प्रोसेसिंग फीस और फाइल चार्ज के नाम पर अच्छी खासी रकम ले लेते हैं. अगर आप 50 हजार का लोन छह महीने की अवधि के लिए लेते हैं और इस पर 2 हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस देते हैं तो आपकी ब्याज दर 12 नहीं 14 फीसदी पड़ती है.

  2. दूसरे चार्जेज का पता करें - पर्सनल लोन की प्रोसेसिंग के लिए एक फीस होती है. यह एक से दो फीसदी होती है. आपको लगेगा कि यह ज्यादा नहीं है. लेकिन कई बैंक फोरक्लोजर चार्ज भी लेते हैं. यानी आपके पास पैसे आ गए और आपने वक्त से पहले लोन चुका दिया तो फोरक्लोजर फीस लगती है. इसका पता कर लें.



  1. क्रेडिट हिस्ट्री का रखें ध्यान - पर्सनल लोन देते वक्त बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री भी देखते हैं. कई  बार ज्यादा बैंकों या एनबीएफसी के पास जाते हैं तो आपको ज्यादा जरूरतमंद समझा जाता है. इसका आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर नकारात्मक असर पड़ता है. बेहतर होगा कि आप बहुत सारे बैंक या एनबीएफसी में जाकर पर्सनल लोन इंटरेस्ट का पता करने से पहले लोन एग्रीगेटर वेबसाइट या पोर्टल के जरिये इंटरेस्ट रेट का पता करें.