Hyperloop One End: हाइपरलूप का अंत, पाइप से यात्रा करने का सपना नहीं होगा पूरा, कंपनी के अंत की तारीख मुकर्रर
End of Hyperloop One: लोगों को 1200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेवल करने का सपना दिखाने वाली कंपनी हाइपरलूप का अंत नजदीक आ गया है. असफल टेस्टिंग और कोरोना में कंपनी की कमर टूट गई थी.
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End of Hyperloop One: पाइप के अंदर हाई स्पीड यात्रा का आनंद लेने का सपना कभी पूरा नहीं हो पाएगा. लोगों को यह सपना दिखाने वाली कंपनी आखिरकार बंद हो गई है. हालांकि, यह चर्चा कई बार हो चुकी थी मगर, इस बार फाइनल डिसीजन ले लिया गया है. हम बात कर रहे हाइपरलूप वन (Hyperloop One) की. इस कंपनी ने एक शहर से दूसरे शहर तक वैक्यूम ट्यूब में मिनटों में लोगों और सामान को पहुंचाने का प्लान बनाया था.
हाइपरलूप की कहानी का अंत 31 दिसंबर को
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, हाइपरलूप के अंत की तारीख मुकर्रर हो चुकी है. कंपनी की कहानी का अंत 31 दिसंबर को हो जाएगा. हाइपरलूप के इस अनोखे आईडिया पर सबसे पहले 2013 में एलन मस्क (Elon Musk) ने चर्चा शुरू की थी. उन्होंने ‘अल्फा पेपर’ में एरोडायनामिक पॉड के बारे में बात की थी.
1223 किमी प्रति घंटा से ट्रेवल का दिखाया था सपना
मस्क ने कहा था कि यह 760 मील प्रति घंटा (1223 किमी प्रति घंटा) की रफ्तार से चलाई जा सकेगी. उन्होंने इसे ट्रांसपोर्टेशन के क्षेत्र में क्रांति बताते हुए कहा था कि यह ट्रांसपोर्ट का 5वां मोड बताया था. उन्होंने लॉस एंजेल्स से सेन फ्रांसिस्को और न्यूयॉर्क तक की दूरी सिर्फ 30 मिनट में पूरी करने का दावा किया था.
मस्क के इस प्रोजेक्ट को बताया गया था असंभव
हालांकि, वैज्ञानिकों और इंजीनियर्स ने इस प्रोजेक्ट को असंभव बताया था. मगर, एलन मस्क का यह प्रोजेक्ट इतना लुभावना था कि उसे सिरे से नहीं नकारा जा सका. इसके बाद 2014 में हाइपरलूप वन की स्थापना हुई. इस प्रोजेक्ट पर करोड़ों डॉलर खर्च किए गए. वर्जिन ग्रुप (Virgin Group) के अरबपति रिचर्ड ब्रेनसन (Richard Branson) ने 2017 में 35 करोड़ डॉलर का निवेश किया. इसके बाद दुबई की कंपनी डीपी वर्ल्ड (DP World) ने भी पैसा लगाया मगर, यह जल्दी खत्म हो गया.
टेस्टिंग में बुरी तरह से फेल हुई थी कंपनी
साल 2020 में कंपनी ने पहली बार इंसानों को बिठाकर इसकी टेस्टिंग की. मगर, यह उम्मीदों अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाई. इसे सिर्फ 100 मील प्रति घंटे (160 किमी प्रति घंटे) की रफ्तार से चलाया जा सका था. इसके बाद आई कोविड-19 महामारी ने हाइपरलूप वन की कमर तोड़कर रख दी. इसके बाद कंपनी ने 2022 में यात्रियों की जगह सिर्फ माल को ट्रांसपोर्ट करने का प्लान बनाया. स्टाफ की संख्या भी घटाकर 100 पर ले आए. अब इसकी संपत्तियों को बेच दिया जाएगा.
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