कोरोना संक्रमण के इस दौर में वाहन कंपनियों में काम कर रहे कर्मचारी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. तमिलनाडु के हुंडई प्लांट में कुछ कर्मचारियों ने काम पर जाने से पहले प्रदर्शन किया था. इसके बाद प्लांट प्रबंधन ने यहां 25 से 29 मई के बीच काम रोकने का ऐलान किया है. यूनियन सूत्रों का कहना है कि सोमवार को काम शुरू करने से पहले कर्मचारी धरने पर बैठ गए थे इसके बाद प्रबंधन ने पांच दिनों तक काम रोकने का फैसला किया है. उनका कहना है कि कर्मचारी अपनी सेफ्टी को लेकर चिंतित हैं.
रेनो-निसान प्लांट के कर्मचारियों भी काम रोकने की मांग
इसी तरह रेनो-निसान के चेन्नई प्लांट में भी कर्मचारियों ने प्रबंधन से काम रोकने की मांग की थी.रेनो-निसान के चेन्नई स्थित प्लांट में कर्मचारियों ने जबरदस्ती काम करने के खिलाफ नाराजगी जताई है. रेनो-निसान से जुड़े श्रम यूनियन ने कहा है कि अगर कर्मचारियों से कोरोना संक्रमण के इस असुरक्षित माहौल में भी काम कराना जारी रखा गया तो वे बुधवार से हड़ताल पर जा सकते हैं. कर्मचारी यूनियन ने प्रबंधन को पत्र लिख कर उसके इस रवैये पर नाराजगी जताई है और कहा है कि अगर काम करने के लिए दबाव डाला गया तो हड़ताल की जाएगी. यूनियन इस मामले को लेकर अदालत भी गई है.
यूनियन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया
यूनियन का कहना है कि प्लांट में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. साथ ही कर्मचारियों के सुरक्षा हितों का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है. तमिलनाडु कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमित राज्यों में शामिल है. राज्य में हर दिन 35 हजार से अधिक कोरोना के मामले आ रहे हैं. राज्य सरकार ने यहां 31 मई तक लॉकडाउन लगाया है. हालांकि कुछ वाहन संयंत्रों को चालू रखने की इजाजत दी गई है. लेकिन यूनियनों का कहना है कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं हो रहा है.
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