IAS-IPS ऑफिसर्स को सरकार का फरमान, शेयरों में लगाते हैं पैसे तो करना होगा ये काम
केंद्र सरकार ने उन अधिकारियों के लिए ताजा निर्देश जारी किया है, जो शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं. ऐसे अधिकारियों को अब केंद्र सरकार के नए दिशानिर्देशों के हिसाब से बदले नियमों का अनुपालन करना होगा...
![IAS-IPS ऑफिसर्स को सरकार का फरमान, शेयरों में लगाते हैं पैसे तो करना होगा ये काम IAS IPS IFS Officers will have to inform central government about share market trading and investments IAS-IPS ऑफिसर्स को सरकार का फरमान, शेयरों में लगाते हैं पैसे तो करना होगा ये काम](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/31/4aa82de90891203919b566d9e6f9e3191680231783563685_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Share Market Investment: शेयर बाजार (Share Market) हर किसी को महंगाई को मात देने वाली कमाई करने के मौके देता है. यही कारण है कि अलग-अलग पेशों के लोग भी शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं और वैकल्पिक कमाई का स्रोत तैयार करने का प्रयास करते हैं. ऐसे लोगों में कई सारे आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS) और आईएफएस (IFS) ऑफिसर्स भी शामिल हैं. अब ऐसे अधिकारियों के लिए केंद्र सरकार ने नया फरमान जारी किया है. शेयर बाजार में पैसे लगाने वाले इन अधिकारियों को अब सरकार के नए दिशानिर्देशों का पालन करना होगा.
इन मामलों में देनी होगी जानकारी
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक खबर के अनुसार, केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने इस संबंध में नया आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार, अगर भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service), भारतीय पुलिस सेवा (Indian Police Service) और भारतीय वन सेवा (Indian Forest Service) के अधिकारियों को शेयर बाजार में की गई ट्रेडिंग की जानकारी सरकार को देनी होगी. हालांकि यह प्रावधान वैसे अधिकारियों के लिए है, जो किसी एक साल के दौरान अपनी 6 महीने की बेसिक सैलरी से ज्यादा का ट्रांजेक्शन करते हैं.
ये है कार्मिक मंत्रालय का आदेश
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों के सचिवों को भेजे गए इस आदेश में कहा गया है, अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्यों के मामले में किसी स्टॉक, शेयर या अन्य निवेश में किए गए लेन-देन पर नजर रखने में प्रशासनिक प्राधिकरणों को सक्षम बनाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि अगर एक कैलेंडर ईयर के दौरान किसी स्टॉक, शेयर या अन्य निवेश में किए गए लेन-देन की वैल्यू छह महीने के बेसिक सरकारी भुगतान से ज्यादा हो जाता है तो इसकी जानकारी आदेश के साथ बताए गए परफॉर्मा में संबंधित प्राधिकरणों को हर साल देनी होगी.
सट्टेबाजी माने जाएंगे ऐसे लेन-देन
मंत्रालय ने यह आदेश 20 मार्च को जारी किया था. आदेश में आचरण नियमों के नियम 14 (1) का हवाला देते हुए कहा गया है कि कोई भी सदस्य किसी स्टॉक, शेयर या अन्य निवेश को लेकर सट्टा नहीं लगाएंगे, लेकिन यह प्रावधान मौके-बेमौके पर किए गए वैसे निवेश पर लागू नहीं है, जो स्टॉक ब्रोकर्स या संबंधित नियमों के तहत लाइसेंस प्राप्त अन्य व्यक्तियों के मार्फत किए गए हैं. आदेश में यह भी साफ किया गया है कि अगर किसी एक शेयर, स्टॉक या निवेश में बार-बार पैसे लगाए जाते हैं, तो उसे सट्टा माना जाएगा.
इन्हें माना गया है चल संपत्ति
आदेश में आगे कहा गया है कि अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों 1968 के नियम 16 के अनुसार शेयरों, प्रतिभूतियों और डिबेंचरों आदि को चल संपत्ति माना गया है. ऐसे में अगर कोई अधिकारी शेयरों, प्रतिभूतियों और डिबेंचरों आदि में दो महीने की बैसिक सैलरी से ज्यादा का कुल लेन-देन करता है, तो इस मामले में भी सूचना प्रदान करना आवश्यक होगा.
ये भी पढ़ें: इन 5 घरानों के कारण गरीबों पर महंगाई की मार! आरबीआई के पूर्व डिप्टी-गवर्नर ने कहा- तोड़ना समाधान
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)