IAS Salary: सीए ने आईएएस ऑफिसर से की सैलरी की तुलना, छेड़ दी रोचक बहस
CA vs IAS: इस चार्टर्ड अकउंटेंट ने आईएएस की सैलरी की तुलना अपने वेतन से की है. इसके बाद यह पोस्ट वायरल हो गई और लोगों ने इस पर शानदार कमेंट किए हैं.
CA vs IAS: हाल ही में देश की सबसे प्रतिष्ठित आईएएस परीक्षा के परिणाम (IAS Results) घोषित हुए हैं. आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) बनना हर किसी का सपना होता है. मगर, इसे हासिल करने में बेजोड़ मेहनत की जरूरत पड़ती है. हर साल लाखों लोग इस परीक्षा में बैठते हैं और सिर्फ सैकड़ों की संख्या में चुनिंदा लोग ही इसमें सफलता हासिल कर पाते हैं. आईएएस देश की सर्वोच्च नौकरी है. हालांकि, एक सीए ने आईएएस को लेकर सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट की जो कि चर्चा का विषय बन गई है. उसने अपनी सैलरी (IAS Salary) की तुलना एक आईएएस ऑफिसर से की. साथ ही सवाल किया कि कम सैलरी के बावजूद भी लोग आईएएस बनना क्यों चुनते हैं. यह पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गई और देश में जबरदस्त बहस छेड़ चुकी है.
The average salary of an IAS is the starting salary of a CA
— CA Chirag Chauhan (@CAChirag) April 17, 2024
Why do people prefer IAS? pic.twitter.com/KpODLY8F9i
आईएएस की औसत सैलरी सीए की शुरुआती वेतन के बराबर
चिराग चौहान नाम के चार्टर्ड अकउंटेंट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक स्क्रीनशॉट पोस्ट करते हुए लिखा कि एक आईएएस की औसत सैलरी सीए की शुरुआती वेतन के बराबर होती है. फिर भी लोग आईएएस क्यों बनना चाहते हैं. उन्होंने जो स्क्रीनशॉट शेयर किया है, उसमें एक आईएएस की वेतन भी दिखाई दे रही है. इस पोस्ट पर सोशल मीडिया का ध्यान तुरंत गया. इसे 7 लाख से ज्यादा व्यू मिल चुके थे. साथ ही लोगों के जबरदस्त कमेंट भी पोस्ट पर आ रहे हैं. ज्यादातर लोगों ने लिखा है कि आईएएस के पद के साथ जुड़ी हुई प्रतिष्ठा लोगों को इस ओर खींच लाती है.
सीए की इस पोस्ट पर आ रहे लोगों के रोचक कमेंट
एक यूजर ने लिखा कि क्या आपने कभी सुना है कि कोई आईएएस किसी सीए को रिपोर्ट करता हो. एक अन्य ने लिखा कि इस पद के साथ ज्यादा ताकत और ज्यादा पैसा जुड़ा होता है. एक यूजर ने कमेंट किया कि आईएएस बनने की इच्छा रखने वाले लोगों की सेवा करना चाहते हैं. उन्हें पैसों की इच्छा नहीं होती है. उन्हें लोगों की समस्याएं दूर करनी होती हैं. एक अन्य ने लिखा है कि आईएएस की सीट हर साल सीए बनने वालों से कम हैं. लोग अपनी सोच और क्षमता के हिसाब से अपना प्रोफेशन चुनते हैं. हर साल लगभग 2 करोड़ स्टूडेंट्स 12वीं की परीक्षा पास करते हैं. यह लोग अपनी-अपनी बुद्धि और चाहत के हिसाब से काम करते हैं. इसका सैलरी से कोई लेना-देना नहीं है.
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