नई दिल्लीः दुनियाभर में जारी कोरोना वायरस संकट के कारण हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. विश्व की कई एयरलाइंस भारी आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रही हैं, ऐसे में IATA का अनुमान और ज्यादा चिंता पैदा कर सकता है. IATA यानी इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने अनुमान दिया है कि साल 2020 में एयरलाइंस के यात्री रेवेन्यू में 314 अरब डॉलर की गिरावट आ सकती है.
IATA ने कहा है कि साल 2020 में कोरोना वायरस के कारण बनी स्थितियों के कारण एयरलाइंस के यात्री राजस्व में 314 अरब डॉलर की कमी हो सकती है जो कि साल 2019 के मुकाबले 55 फीसदी की गिरावट होगी.
पहले दिया था 252 अरब डॉलर की गिरावट का अनुमान
इससे पहले 24 मार्च को ही IATA ने ये कहा था कि दुनियाभर की एयरलाइंस को 252 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है जो कि 2019 के मुकाबले 44 फीसदी की गिरावट के बराबर होता.
क्यों दिया गया ये अनुमान
IATA ने एक बयान जारी करके बताया है कि दुनिया मंदी की ओर बढ़ रही है और कोविड-19 के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट का सबसे गहरा असर 2020 की दूसरी तिमाही में देखा जाएगा और दुनिया की जीडीपी के 2 फीसदी तक सिकुड़ने की आशंका है. दुनियाभर की सरकारों ने कोविड-19 के खतरे से निपटने के लिए अपने यहां हवाई यातायात को प्रतिबंधित किया है या उन पर कई तरह के लगाम लगाई हैं जिनसे एयरलाइंस कंपनियों के रेवेन्यू में भारी गिरावट आएगी. अगले तीन महीनों तक भी एयर ट्रैवल के सीमित रूप में ही खुलने की संभावना है जिसकी वजह से एयरलाइन कंपनियों को और ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
ग्लोबल पैसेंजर डिमांड में आएगी कमी
IATA ने अपने बयान में आगे कहा है कि दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों के ऊपर संकट पैदा होने की वजह से 2020 की तीसरी तिमाही में पैसेंजर डिमांड में 8 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है जो कि काफी चिंताजनक आंकड़ा हो सकता है. देशों की जीडीपी में गिरावट का सीधा असर एयर ट्रैवल की डिमांड में कमी के तौर पर देखा जाएगा.
अप्रैल की शुरुआत में ग्लोबल एयरलाइंस के संचालन में कुल मिलाकर 80 फीसदी की गिरावट देखी गई है जिसका सीधा निगेटिव असर दूसरी तिमाही में एयरलाइंस के कारोबार पर पड़ेगा. 2019 की दूसरी तिमाही के मुकाबले 2020 की दूसरी तिमाही काफी निराशाजनक रहने वाली है.
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