Loan Costly: दो बड़े बैंकों ने ग्राहकों को दिया जोरदार झटका! लोन लेना हुआ महंगा, अब इतना बढ़ गया ब्याज
MCLR: आईसीआईसीआई बैंक और पंजाब नेशनल बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट में बढ़ोतरी कर दी है. आइए जानते हैं अब आपको कितना ब्याज देना होगा.
Loan Interest Rate Increased: दो और बैंकों ने ग्राहकों को जोरदार झटका दिया है. बढ़ती महंगाई के बीच लोन के ब्याज दर में इजाफा किया है. दो प्रमुख बैंक आईसीआईसीआई (ICICI Bank) और पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में इजाफा किया है. दोनों बैंक ने अपने एमसीएलआर में 5 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है. बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक नई दरें 1 सितंबर, 2023 यानी शुक्रवार से लागू हो चुकी हैं.
इस बढ़ोतरी के बाद बैंक के उन ग्राहकों पर सीधा असर पड़ेगा, जिन्होंने पहले या भविष्य में कार लोन, एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन, होम लोन लेने की प्लानिंग की है. बता दें कि MCLR का सीधा असर लोन की ब्याज दरों पर पड़ता है.
ICICI बैंक की नई दरों के बारे में जानें
देश के बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने अपने करोड़ों ग्राहकों तो झटका देते हुए अपनी MCLR में 5 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है. इस इजाफे के बाद बैंक ओवरनाइट MCLR 8.40 फीसदी से बढ़कर 8.45 फीसदी हो गया है. वहीं एक महीने का MCLR 8.45 फीसदी, तीन महीने का MCLR 8.50 फीसदी, 6 महीने का MCLR 8.85 फीसदी और एक साल की अवधि का MCLR 8.90 फीसदी से बढ़कर 8.95 फीसदी तक पहुंच गया है.
पंजाब नेशनल बैंक की नई दरों के बारे में जानें-
दूसरे सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पंजाब नेशनल बैंक ने भी अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट में 5 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. इस बढ़ोतरी के बाद बैंक की ओवरनाइट MCLR 8.10 फीसदी से बढ़कर 8.15 फीसदी तक पहुंच गई है. वहीं एक महीने का MCLR 8.20 फीसदी से बढ़कर 8.25 फीसदी और तीन महीने का MCLR 8.30 फीसदी से बढ़कर 8.35 फीसदी तक पहुंच गया है.
क्या होता है MCLR?
मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट एक तय उधार दर होती है जिसके आधार पर बैंक अपनी कार लोन, होम लोन, एजुकेशन लोन आदि की ब्याज दर को तय करते हैं. यह वह न्यूनतम दर है जिससे नीचे बैंक ग्राहकों को लोन ऑफर नहीं कर सकते हैं. अगर बैंक एमसीएलआर की दरों में कोई बदलाव करता है तो उसका असर ग्राहकों की लोन की ब्याज दर और ईएमआई पर भी पड़ता है. ज्यादा MCLR होने पर ग्राहकों पर ईएमआई का बोझ बढ़ेगा.
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