भारतीय रिजर्व बैंक ने रीपो रेट बढ़ाते बढ़ाते 6.25 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है. इसकी वजह से बैंकों का कर्ज महंगा हो गया है. उधर अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ कर्ज की भारी मांग के कारण बैंकों पर कर्ज देने का दबाव है. उस अनुपात में Current account और saving account (CASA) में सस्ता जमा नहीं आ रहा है. ऐसे में बैंक अब अन्य साधनों से धन जुटा रहे हैं, जिनमें Infra Bond प्रमुख हैं


ICICI बैंक ने Infra Bond से कितना जुटाया धन


रिजर्व बैंक द्वारा रीपो रेट में बढ़ोतरी के बाद प्राइवेट सेक्टर के लेंडर ICICI बैंक ने इन्फ्रास्ट्रर बॉन्ड के माध्यम से  5000 करोड़ रुपये जुटाए हैं. यह धन बिजली, सड़क, पुल जैसी इन्फ्रा परियोजनाओं की फंडिंग के लिए है. 7 साल के इस बॉन्ड पर ब्याज दर 7.63 प्रतिशत है.


और भी बैंकों ने जुटाए हैं Infra Bond से धन


डेट मार्केट से अन्य बैंक भी धन जुटा रहे हैं. इसके पहले बैंक आफ बड़ौदा और भारतीय स्टेट बैंक ने भी धन जुटाए हैं. एसबीआई ने Infra Bond से 10,000 करोड़ रुपये जुटाए, जिसकी ब्याज दर 7.51 प्रतिशत है. अब तक इस वित्त वर्ष में Infra Bond से कुल 19,600 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं.


ICICI बैंक की Infra Bond उधारी


सड़क, बंदरगाह, दूरसंचार, शहरी विकास जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को कर्ज देने के लिए ICICI बैंक की उधारी सितंबर 2022 तक 40,824 करोड़ रुपये थी. ICICI बैंक के Infra Bond को क्रिसिल ने AAA रेटिंग दी है.


Infra Bond क्यों हैं अहम


एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर सी श्रीनिवासुलू सेट्टी का कहना है कि जिस तरह मौद्रिक सख्ती की जा रही है, Infra Bond धन जुटाने का एक बेहतर माध्यम हो सकते हैं. एसबीआई Infra Bond से अभी और धन जुटाने पर विचार कर रहा है. Infra Bond से लांग टर्म के लिए फंड जुटाया जाता है. इसमें नियामकीय सख्ती नहीं होती है, जैसी कि कैश रिजर्व रेशियो आदि के मामले में होती है. साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में लगाए गए संसाधनों को नेट बैंक क्रेडिट में नहीं जोड़ा जाता है, क्योंकि यह प्रियॉरिटी सेक्टर की लेंडिंग के टार्गेट में होता है.