IDBI Bank: सरकार अब एक और बैंक में अपनी बड़ी हिस्सेदारी बेचने जा रही है. सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम की इस बैंक में  94.71 फीसदी की हिस्सेदारी है. सरकार अब एलआईसी के साथ इसमें करीब 61 फीसदी की हिस्सेदारी बेचेगी. बैंक की हिस्सेदारी खरीदने के लिए Expression of Interest (EoI) जमा करने की आखि​री तारीख 16 दिसंबर था, जिसे 7 जनवरी तक बढ़ाया गया है. 


कंपनियों की ओर से जमा की गई ईओआई 180 दिनों के लिए वैध होंगे. IDBI बैंक में सरकार 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है, जिसे खरीदने के लिए दो विदेशी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है. इसके अलावा, यह भी चर्चा है कि श्री राम ग्रुप ने भी इस सरकारी बैंक को खरीदने के लिए इच्छा जाहिर की है. 


सरकार कितनी फीसदी बेच रही हिस्सेदारी 


वर्तमान में सरकार अपनी 30.5 फीसदी हिस्सेदारी बेच रहे हैं, जबकि इसकी कुल 45.48 फीसदी हिस्सेदारी है. वहीं LIC इस बैंक में 30.2 प्रतिशत हिस्सा बेचेगी, जिसकी कुल 49.24 फीसदी हिस्सेदारी है. DIPAM की ओर से कहा गया ह कि संभावित खरीदारों के पास न्यूनतम नेटवर्थ 22,500 करोड़ रुपये होना चाहिए और बैंक के लिए बोली लगाने के लिए पिछले पांच वर्षों में से तीन में शुद्ध लाभ दर्ज होनी चाहिए. 


किन कंपनियों ने दिखाई दिलचस्पी 


इस बैंक को खरीदने के लिए Emirates NBD और Fairfax group ने दिलचस्पी दिखाई है. फायरफैक्स ग्रुप अरबपति प्रेम वत्स की कंपनी है, जो कनाडा में कार्यरत है. इसके अलावा, सीवीसी कैपिटल पार्टनर्स ने भी इसे खरीदने के लिए दिलचस्पी दिखाई है. साथ ही श्री राम ग्रुप के भी इस कंपनी को खरीदने की इच्छा जाहिर की है. 


कितनी रकम जुटाने की योजना 


आईडीबीआई बैंक लिमिटेड, 1994 में स्थापित 63,439.17 करोड़ रुपये के मार्केट कैप वाली एक बैंकिंग कंपनी है. लाइव मिंट की एक रिपोर्ट अनुसार, आईडीबीआई बैंक के लिए लगभग 640 अरब रुपये (7.7 बिलियन डॉलर) जुटाने पर जोर दे रहा है, जो दशकों में किसी कर्जदाता में सरकार की हिस्सेदारी की सबसे बड़ी बिक्री हो सकती है.


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