IDBI Disinvestment: ट्रैक पर है आईडीबीआई बैंक की विनिवेश प्रक्रिया, टलने की खबरों का सरकार ने किया खंडन
IDBI Disinvestment News: ऐसी खबरें आ रही थीं कि आईडीबीआई बैंक के विनिवेश की प्रक्रिया टल सकती है. हालांकि सरकार ने इस तरह की सभी खबरों को भ्रामक बताया है.
आईडीबीआई बैंक के विनिवेश (IDBI Bank Disinvestment) की प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ा है. यह तय प्रक्रिया के हिसाब से ही अगे बढ़ी है. बैंक के विनिवेश की प्रक्रिया टलने की खबरों का सरकार की ओर से शुक्रवार को खंडन किया गया.
दीपम सचिव ने किया ये ट्वीट
विनिवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव (DIPAM Secretary) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस बारे में एक ताजा ट्वीट किया गया. ट्वीट में कहा गया, मीडिया के एक धड़े में आईडीबीआई बैंक के विनिवेश की प्रक्रिया के टलने की खबरें आ रही हैं, जो भ्रामक और आधारहीन हैं. यह सौदा तय प्रक्रिया के हिसाब से आगे बढ़ रही है और इसके लिए कई ईओआई प्राप्त हुए हैं.
Reports appearing in a section of the media indicating the possibility of deferment of IDBI Bank disinvestment are misleading, speculative and baseless. The transaction continues to be on track as per the defined process in post-EoI stage following receipts of multiple EoIs. pic.twitter.com/HL8a1Xc3H5
— Secretary, DIPAM (@SecyDIPAM) March 17, 2023
खबरों में किया गया ये दावा
दीपम सचिव ने यह खंडन तब जारी किया है, जब कई मीडिया रपटों में कहा जा रहा था कि केंद्र सरकार आईडीबीआई बैंक के विनिवेश की प्रक्रिया को टाल सकती है. खबरों में कहा जा रहा था कि सरकार को बाजार में जारी उथल-पुथल के चलते संभावित खरीदारों के पीछे हट जाने की आशंका है.
सरकार को सौदे से ये उम्मीद
सरकार आईडीबीआई बैंक में अपनी 30.48 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्रयास कर रही है. इसके अलावा सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम भी बैंक में अपनी 30.24 फीसदी हिस्सेदारी को बेचेगी. अभी आईडीबीआई बैंक में सरकार के पास 45.48 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि एलआईसी के पास बैंक की 49.24 फीसदी हिस्सेदारी है. सरकार इस विनिवेश से 4 बिलियन डॉलर जुटाने की उम्मीद कर रही है.
इतनी रह जाएगी हिस्सेदारी
दीपम सरकारी उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी का प्रबंधन करता है. विभाग ने पिछले साल अक्टूबर में सरकार की 30.48 फीसदी हिस्सेदारी और एलआईसी की 30.24 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए संबंधित पक्षों से ईओआई मंगाया था. अभी बैंक में सरकार और एलआईसी की मिलाकर 94.72 फीसदी हिस्सेदारी है, जो विनिवेश के बाद कम होकर 34 फीसदी रह जाएगी.
ये भी पढ़ें: फरवरी की रिकॉर्ड तेजी के बाद मार्च में क्यों गिर रही ईंधन की बिक्री? मौसम से है ये कनेक्शन