Ideas of India 2023: सुरजीत सिंह भल्ला ने कहा - आरबीआई को नहीं बढ़ानी चाहिए ब्याज दरें
Ideas of India 2023: आरबीआई ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए 6 बार रेपो रेट बढ़ाया है. जिसपर आइडिया ऑफ इंडिया 2023 कार्यक्रम में सुरजीत सिंह भल्ला ने कहा कि वे ब्याज दरें बढ़ाने के पक्ष में नहीं है.
Ideas of India 2023: एबीपी के आइडिया ऑफ इंडिया 2023 में जाने माने अर्थशास्त्री और भारत, बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका के लिए आईएमएफ के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहे सुरजीत सिंह भल्ला ने कहा कि आरबीआई को ब्याज दरें बिलकुल नहीं बढ़ानी चाहिए. क्राइसिस इन द ग्लोबल इकॉनोमी पर बोलते हुए सुरजीत सिंह भल्ला ने जब सवाल पूछा गया कि अगर प्रधानमंत्री उनसे सलाह लें कि क्या ब्याज दरें और बढ़ानी चाहिए. तो उन्होंने कहा कि उनका जवाब होगा 'नहीं'.
सुरजीत सिंह भल्ला ने कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी का सप्लाई शॉक्स से बहुत कम लेना-देना है और मैं ये भी कहना चाहूंगा कि मॉनिटरी पॉलिसी का महंगाई के साथ बहुत कम मतलब है. उन्होंने कहा कि उन्हें अंदाजा नहीं था कि भारत आज बेहद ही विशिष्ट स्थान के केंद्र में मौजूद है. उन्हें ऐसा कभी नहीं लगा था कि भारत इस स्थिति में होगा और मैरा मानना है कि बदलते वैश्विक हालात से उसे बहुत फायदा होगा. सुरजीत सिंह भल्ला ने कहा कि ब्याज दरें कम होंगी. उन्होंने कहा कि महंगाई में कमी आएगी लेकिन ये पॉलिसीमेकर्स, भारतीय रिजर्व बैंक या फेड रिजर्व के चलते नहीं होगा.
आरबीआई के ब्याज दरें बढ़ाने और उसके सख्त मौद्रिक नीति पर सवाल उठाते हुए सुरजीत सिंह भल्ला ने कहा कि मौद्रिक नीति को सख्त कर दिया गया है. मेरा सवाल है कि मॉनिटरी पॉलिसी से आखिरकार खाद्य वस्तुओं की कीमतों का क्या लेना-देना है. उन्होंने कहा कि महंगाई में कमी ना तो आरबीआई के चलते कमी आएगी और ना तो फेड रिजर्व के ब्याज दरें बढ़ाने से.
चीन के लेकर आईएमएफ के पूर्व कार्यकारी निदेशक ने कहा कि अमेरिका का नीचे जाना चीन को बड़े साम्राज्य का ढहना नजर आता है और उसे लगता है कि इससे उसे फायदा होगा. उन्होंने कहा कि पिछले 20 से 30 वर्षों से लगातार चीन 10 फीसदी से ज्यादा दर से विकास करता रहा है और ऐसा इसलिए हुआ कि क्योंकि पश्चिमी देश और अमेरिका उसकी मदद कर रहा था. लेकिन अगर चीन को लगता है कि बड़ा साम्राज्य ढह जाएगा तो ऐसा होने वाला नहीं है.
सुरजीत सिंह भल्ला ने कहा कि भारत इसलिए आगे नहीं बढ़ रहा क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था नीचे जा रही है. और भारत चीन के कारण भी आगे नहीं बढ़ रहा है बल्कि पश्चिम देशों की मदद और सहयोग से वो ऐसा कर पा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षा का स्तर और कितनी जल्द हम रेग्युलेशन को खत्म करते हैं उतनी ही तेज गति से हमे प्रगति करेंगे. उन्होंने कहा कि हम एक सशक्त नए भारत में प्रवेश कर रहे हैं.
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