Ideas of India 2.0: ज्वेलरी के बाजार में भारत एक अहम स्थान रखता है. घरेलू स्तर पर सोने और सोने के गहनों की खपत तो पारंपरिक रूप से अधिक रही है, लेकिन अब भारत सोने व अन्य कीमतों पत्थरों से तैयार गहनों का अहम निर्यातक भी है. तराशे गए हीरों के निर्यात के मामले में भारत का दबदबा है. इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों का मानना है कि इसे और मजबूत बनाने के लिए सरकार को नए सिरे से ध्यान देने की जरूरत है.
कारीगरों के साथ मिलकर काम करें फ्रेंचाइजी
सेनको गोल्ड एंड डायमंड्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुवांकर सेन (Suvankar Sen, MD & CEO, SENCO Gold & Diamonds) ने एबीपी के आइडियाज ऑफ इंडिया (Ideas Of India) समिट के दूसरे दिन बिल्डिंग टूमॉरोज इकोनॉमी (Building Tomorrow's Economy) सत्र में इस बारे में बातें की. उन्होंने इंडस्ट्री के बारे में कहा कि समावेशी विकास बेहद महत्वपूर्ण है. फ्रेंचाइजी इसके लिए कारीगरों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं, उन्हें टेक्नोलॉजी के साथ प्रशिक्षित कर सकते हैं और उनके कौशल में निखार ला सकते हैं, क्योंकि यह उनके खून में तो है लेकिन उन्हें टेक्नोलॉजी को अपनाना भी आना चाहिए.
मेड-इन-इंडिया ज्वेलरी पर हो फोकस
सुवांकर सेन ने गहने बनाने की पुरानी परंपरा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमारे पास कला और क्राफ्ट्समैनशिप का लंबा इतिहास है. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार को ब्रांड इंडिया (Brand India) तैयार करने पर काम करना चाहिए, जो गुणवत्ता और डिजाइन का प्रतिनिधि हो. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारतीय ज्वेलरी ब्रांड विस्तार करने की शुरुआत करें. इसके बाद पूरी दुनिया चाहेगी उनके पास मेड-इन-इंडिया ज्वेलरी हो.
तेजी से उभरा डिजिटल गोल्ड का ट्रेंड
पिछले कुछ सालों में देश में डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) का ट्रेंड तेजी से उभरा है. खासकर नई पीढ़ी इसमें खासी दिलचस्पी ले रही है. सेन ने इस बारे में कहा कि नई पीढ़ी सोने को फिजिकली अपने पास रखने का जोखिम नहीं लेना चाहती है. डिजिटल के मामले में लोग 250 रुपये का भी सोना खरीद सकते हैं और हम ग्राहकों के लिए उन्हें स्टोर करके रखते हैं.
लैब में बने हीरों की बढ़ी डिमांड
लैब में बनाए गए हीरों (Lab Grown Daimonds) के बारे में उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में इसकी काफी डिमांड है. अमेरिका में ऐसे प्रोडक्ट्स की काफी मांग है, जो पर्यावरण के अनुकूल हों. हम लैब में बनाए गए व तराशे गए हीरों के के सबसे बड़े निर्यातक बनकर उभरे हैं. इंडस्ट्री के तौर पर हम सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि नई पीढ़ी में वास्तविक संपत्ति के तौर पर ज्वेलरी का उपभोग बढ़े.