IDFC Limited: आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) और आईडीएफसी लिमिटेड (IDFC Limited) का मर्जर पूरा हो गया है. सभी जरूरी मंजूरियों के बाद यह 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा. इस मर्जर के चलते शेयरहोल्डर्स को लाभ होने वाला है. आईडीएफसी के हर शेयरहोल्डर को 100 शेयर के बदले आईडीएफसी बैंक के 155 शेयर दिए जाएंगे. इस मर्जर से आईडीएफसी का कॉरपोरेट स्ट्रक्चर आसान हो जाएगा. प्रमोटर्स की होल्डिंग खत्म हो जाएगी और प्रोफेशनल मैनेजमेंट में इजाफा होगा.
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की कोई होल्डिंग कंपनी नहीं होगी
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने शुक्रवार को इस मर्जर के पूरा होने का ऐलान किया है. बैंक ने कहा कि शेयरहोल्डर्स और रेगुलेटरी मंजूरियों के बाद अगले महीने से यह मर्जर लागू कर दिया जाएगा. आईडीएफसी ने शेयरों की अदलाबदली के लिए रिकॉर्ड डेट 10 अक्टूबर तय की है. इन शेयरों को 31 अक्टूबर से पहले शेयरहोल्डर्स को दे दिया जाएगा. इस मर्जर के चलते अब सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि बैंक की कोई होल्डिंग कंपनी नहीं होगी. बैंक ने कहा कि अब हमारी शेयरहोल्डिंग अन्य बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंकों की तरह सरल हो जाएगा. अन्य प्राइवेट सेक्टर बैंकों में भी प्रमोटर होल्डिंग नहीं है. साथ ही बैंक का मैनेजमेंट भी आसान हो जाएगा.
मर्जर की वजह से बैंक को मिलेंगे 600 करोड़ रुपये
इस मर्जर की वजह से करीब 600 करोड़ रुपये बैंक को मिलेंगे. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के एमडी एवं सीईओ वी वैद्यनाथन (V Vaidyanathan) ने कहा कि इस मर्जर के लिए हम लगभग दो साल से कोशिश कर रहे थे. काफी मेहनत के बाद हम इस मुकाम तक पहुंच पाए हैं. हमें पूरी उम्मीद है कि इस मर्जर की वजह से बैंक को भविष्य में बहुत लाभ पहुंचेगा. हम और बेहतर तरीके से अपने कस्टमर को सर्विस दे पाएंगे. हमारा कॉरपोरेट स्ट्रक्चर भी अब सेक्टर के अन्य दिग्गज बैंकों जैसा हो जाएगा.
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