IDFC First Bank MCLR Rate Hike: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के रेपो रेट में बढ़ोतरी के फैसले के बाद से ही लगातार सभी बैंक अपने लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं. इसके अलावा बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम और सेविंग बैंक अकाउंट की ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी कर रहे हैं. ऐसे में इन सभी का असर ग्राहकों पर सीधे तौर पर पड़ रहा है. हाल ही में देश के बड़े प्राइवेट सेक्टर के बैंक आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में बढ़ोतरी का फैसला किया है. बैंक के बढ़े MCLR रेट्स 8 जुलाई 2022 से लागू होगी.


MCLR रेट्स अलग-अलग अवधि के लिए अलग-अलग होता है. तीन महीने के लिए यह 7.95% है. वहीं 1 साल के आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का MCLR रेट 8.80%. वहीं 6 महीने के लिए यह रेट्स 8.50% है.


सैलरिड व्यक्ति को मिलेगी 7.5% ब्याज दर
बैंक पर्सनल लोन पर 10.49% ब्याज दर वसूल रहा है. यह पर्सनल लोन का सबसे न्यूनतम ब्याज दर है. पर्सनल लोन पर अधिकतम आपको 25% प्रतिशत तक ब्याज दर देना होगा. वहीं अगर आप सैलरी पाने वाले व्यक्ति हो तो आईडीएफसी फर्स्ट बैंक 7.50% ब्याज दर वसूल रहा है.


MCLR बढ़ने से क्यों महंगा होना होता है लोन?
कोई भी बैंक अपनी ब्याज दरों को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट के बेसिस पर तय करता है. MCLR के बढ़ने और घटने पर ही ग्राहकों की ईएमआई तय होती है. रिजर्व बैंक के रेपो रेट (RBI Repo Rate) में बदलाव के साथ ही बैंक अपने एमसीएलआर की दरों में बदलाव करते हैं. अगर बैंक का MCLR ज्यादा है तो ग्राहकों को ज्यादा ब्याज दर देना होगा और  एमसीएलआर कम होने पर कम ब्याज दर के आधार पर ईएमआई देना होगा.


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