काम की खबर: गाड़ी खरीदने पर अलग से देना पड़ सकता है इंश्योरेंस प्रीमियम, जानिए क्यों
मौजूदा व्यवस्था में ग्राहक को यह पता नहीं होता कि गाड़ी खरीदते वक्त उसने कितना प्रीमियम दिया है. क्योंकि यह प्रीमियम गाड़ी की कुल कीमत में शामिल होता है.
गाड़ी खरीदने के दौरान अब आपको इंश्योरेंस प्रीमियम का पेमेंट अलग से करना पड़ सकता है. बीमा नियामक इरडा के पास एक कमेटी ने मोटर इंश्योरेंस सर्विस प्रोवाइडर के दिशा-निर्देशों की समीक्षा का प्रस्ताव रखा है. अगर इरडा इस प्रस्ताव को मंजूर कर लेता है तो अलग इंश्योरेंस प्रीमियम देने की व्यवस्था लागू हो सकती है.
इरडा ने पारदर्शिता लाने के लिए बनाई थी कमेटी
इरडा वाहन डीलरों की ओर से बेचे जाने वाले मोटर इंश्योरेंस को बीमा कानून 1938 के प्रावधानों तहत लाना चाहता है. इरडा ने 2019 में एमआईएसपी यानी मोटर इंश्योरेंस सर्विस प्रोवाइडर्स से संबंधित दिशा-निर्देशों की समीक्षा के लिए एक कमेटी बनाई थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कई सिफारिशें की हैं. अगर ये लागू हो गईं तो अलग से इंश्योरेंस प्रीमियम देना होगा.इन सिफारिशों में कहा गया है कि वाहन खरीदने के साथ ही बीमा प्रीमियम के भुगतान में पारदर्शिता का अभाव देखने को मिल रहा था. इसलिए अलग से इंश्योरेंस प्रीमियम अदा करने की सिफारिश की गई है.
ग्राहक को पता नहीं होता कितना दिया है प्रीमियम
मौजूदा व्यवस्था में ग्राहक को यह पता नहीं होता कि गाड़ी खरीदते वक्त उसने कितना प्रीमियम दिया है. क्योंकि यह प्रीमियम गाड़ी की कुल कीमत में शामिल होता है. कमेटी का कहना है कि पारदर्शिता की कमी पॉलिसी होल्डर्स के हित में नहीं है. ऐसा करने से इंश्योरेंस की असली कीमत उसे पता नहीं चल पाती है. इस वजह से वह कंपनियों के साथ मोलभाव नहीं कर पाता है. इसमें कंपनियां फायदे में रहती हैं और ग्राहक को घाटा होता है. इसलिए अलग से इंश्योरेंंस प्रीमियम देने का नियम निकाला जाए.
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