अगर लॉकडाउन की वजह से आपकी कमाई पर चोट पहुंची है और म्यूचुअल फंड में सिप (SIP) निवेशक हैं तो आपके पास इसे जारी रखने की समस्या आ सकती है. अगर आप सिप में अपने निवेश को आगे जारी नहीं रख सकते तो इसे बंद मत करिए. म्यूचुअल फंड एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर कमाई काफी घट गई है या नौकरी चली गई है तो भी सिप बंद करने के बजाय दूसरे विकल्प का इस्तेमाल करें. और वह है पॉज का विकल्प.


सिप की पूरी अवधि के दौरान पॉज विकल्प का इस्तेमाल सिर्फ एक बार ही किया जा सकता है. आजकल लगभग हर फंड हाउस इस सुविधा के इस्तेमाल का विकल्प देता है. फिजिकल मोड के जरिए सिप में रजिस्टर कराने वाले निवेशक फंड हाउस की वेबसाइट में लॉग-इन कर अपने सिप को तीन या छह महीने के लिए रोक यानी 'पॉज' कर सकते हैं.


फंड हाउस को ई-मेल कर पॉज करा सकते हैं सिप


फंड हाउस को ई-मेल करके भी सिप को पॉज कराया जा सकता है. लेकिन इसके लिए आपको अपने रजिस्टर्ड ई-मेल अकाउंट से मेल करना होगा. इसमें आपका फोलियो नंबर और पॉज शुरू करने और इसे खत्म करने की तारीख का भी जिक्र करना होगा. अगर आप तीन महीने के लिए एसआईपी ‘पॉज’ करते हैं तो तीन महीने बाद एसआईपी अपने आप खुद कटने लगेगी. इस पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं देना होगा.


सिप में पॉज का इस्तेमाल आपात स्थिति में करना चाहिए. जिनके पास कैश की दिक्कत है उनके लिए यह एक विकल्प हो सकता है. दरअसल जब शेयर मार्केट में गिरावट की स्थिति है तो लंबी अवधि में निवेशकों को कम पैसे में ज्यादा यूनिटें मिल जाती हैं. इसलिए भी ऐसे समय में सिप को बंद नहीं करना चाहिए. अगर आपको लगे कि ‘पॉज’ पीरियड के बाद बाजार सुधर रहा है ति तो उसके बाद सिप जारी रख सकते हैं. अगर हालात बिल्कुल ठीक नहीं लग रहे हैं तो इसे बंद करा सकते हैं. लेकिन पॉज कराने से आपको निवेश बिल्कुल रोकने तक एक लंबा वक्त मिल जाएगा.