Budget 2022: बजट 2022 से हर कोई उम्मीद लगाए बैठा है. सरकारी कर्माचारी से लेकर व्यापारी तक यह उम्मीद कर रहा है कि उसे बजट 2022 में कुछ राहत मिलेगी. इसी तरह पीपीएफ निवेशक ये आस लगाए बैठे हैं कि पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) योजना के तहत तय अधिकतम जमा राशि की लिमिट में वृद्धि होगी. बता दें अभी एक व्यक्ति पीपीएफ खाते में प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं. यह जमा राशि आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स कटौती के योग्य भी होती है.


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टैक्स एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि बजट 2022 में में पीपीएफ की वार्षिक डिपॉजिट लिमिट को बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जा सकता है. उन्होंने धारा 80सी की जमा सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की भी मांग की है. अगर सरकार ने यह मांग मान ली तो एक साल में 80सी के तहत निवेशकों को 1.5 लाख रुपये के बजाय 3 लाख रुपये की टैक्स छूट मिल जाएगी. बता दें 2014 से 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष की वर्तमान जमा सीमा को बदला नहीं गया है.  


पीपीएफ की डिपोजिट लिमिट बढ़ाने की मांग करने वालों का कहना है कि यह सेल्फ-एम्प्लोयड टैक्सपेयर्स के लिए उपलब्ध एकमात्र सुरक्षित और टैक्स बचाने वाली स्कीम है. सैलेरी वाले कर्मचारियों के पास विभिन्न भविष्य निधि योजनाओं में निवेश करने का विकल्प होत है. लेकिन गैर-वेतनभोगी और स्व-रोजगार वालों के पास लंबी अवधि की निवेश योजना के रूप में केवल पीपीएफ ही ऐसा ऑप्शन है, जिसमें निवेश कर टैक्स बचाया जा सकता है.


पब्लिक प्रॉविडेंट फंड की खास बातें



  • फिलहाल इस योजना में 7.1% ब्याज मिल रहा है. ब्याज दरों की समीक्षा हर तीन माह में सरकार करती है. ब्याज दरें कम या ज्यादा हो सकती हैं.

  • पीपीएफ खाता केवल 500 रुपये से खोला जा सकता है. लेकिन बाद में हर साल 500 रुपये एक बार में जमा करना जरूरी है.

  • यह स्कीम 15 साल के लिए है, जिससे बीच में नहीं निकला जा सकता है. लेकिन इसे 15 साल के बाद 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है.


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