Tax Saving: आज महंगाई के दौर आम आदमी के खर्चे इतने बढ़ गए है कि उसकी आमदनी कम पड़ रही है. उसे अपने खर्चो को मैनेज करने में बैंको से पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड, डेविट कार्ड का सहारा लेना पड़ता है. इसके चलते हर दूसरा आदमी अपनी आमदनी में से टैक्स बचाने के बारे में सोचने लगता है. अगर आप भी ऐसा ही सोच रहे है तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी साबित होगी. आपको बता दें कि कैसे आप टेक्स के जरिये पैसा बचा सकते हो.


1.5 लाख रु की मिलेगी छूट 
टेक्स सेक्शन 80C (Tax Saving 80c) के तहत आप 1.5 लाख रु तक पर टैक्स छूट पा सकते हैं. अगर आपकी ये सीमा खत्म हो जाए तो आपके पास और कई विकल्प है, जिनसे आप आमदनी पर लगने वाला टैक्स बचा सकते हैं. इसमें रिटायरमेंट प्लानिंग से लेकर परिवार को सुरक्षित रखने तक और घर खरीदने तक के विकल्प शामिल हैं. यहां तक कि खाते में पड़े-पड़े भी आपके पैसे टैक्स से बचा सकते हैं. 


मकान का किराया 
जो लोग नौकरी करते हैं, वह हाउस रेंट अलाउंस से अपने टैक्स को कम कर सकते हैं. HRA कर्मचारियों को कंपनी से हाउस रेंट दिया जाता है. इसका डिडक्शन आयकर अधिनियम की धारा 80जीजी के तहत मिलता है. अगर आप अपने माता-पिता के घर में रहते हैं तो आप उन्हें भी किराएदार दिखा सकते हैं और टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं.


एजुकेशन लोन 
अगर हायर एजुकेशन के लिए कोई लोन लेना है तो उसके भुगतान में दिए ब्याज पर भी टैक्स डिडक्शन मिलता है. हायर एजुकेशन में 12वीं के बाद पढ़ाई शामिल है. धारा 80ई के तहत लोन पर लगने वाले ब्याज पर टैक्स छूट मिल जाती है. ध्यान रहे कि ये लोग किसी मान्यता प्राप्त संस्था या बैंक से लिया गया हो और अपने, बच्चे या पति/पत्नी के लिए लिया गया हो. ये छूट तुरंत आने वाले असेसमेंट ईयर और उसके बाद 7 असेसमेंट ईयर तक मिल सकती है या जब तक पूरे लोन की भरपाई ना हो जाए, जो भी पहले हो.


जमा राशि से कमाई
आयकर की धारा 80टीटीबी के तहत जमा राशि से होने वाले ब्याज की कमाई पर टैक्स छूट मिलती है. धारा 80टीटीबी के तहत अधिकतम सीमा 50 हजार रु प्रति साल है. यह सेक्शन वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 अप्रैल 2018 से उपलब्ध है. हालांकि, धारा 80टीटीए के तहत सेविंग अकाउंट के ब्याज से होने वाली कमाई पर मिलने वाला 10 हजार रु तक का डिडक्शन वरिष्ठ नागरिकों के लिए नहीं है.


नेशनल पेंशन स्कीम
अगर आप नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में पैसे लगाते हैं तो धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत 50 हजार रु तक पर टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं. ध्यान रहे कि ये डिडक्शन धारा 80सीसीडी (1) के तहत 1.5 लाख रु तक के निवेश के बाद मिलेगा और एक ही डिडक्शन दोनों सेक्शन के तहत क्लेम नहीं हो सकते है. यानी आप कुछ अतिरिक्त पैसे बचा सकते हैं.


हेल्थ इंश्योरेंस 
अगर आप 60 साल से कम है और आप हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम दे रहे हैं तो आप 25 हजार रु तक पर टैक्स छूट ले सकते हैं. इसके तहत आप अपने लिए पति या पत्नी और अपने बच्चों का प्रीमियम दे सकते हैं. यह प्रीमियम income tax कानून की धारा 80डी के तहत डिडक्ट होगा. जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है, उन्हें 50 हजार रु तक पर टैक्स का फायदा मिलेगा. अगर टैक्स पेयर और उसके पैरेंट दोनों ही 60 साल से अधिक की उम्र के हैं तो 1 लाख रु तक पर टैक्स डिडक्शन का फायदा मिल सकता है.


बीमारी पर खर्च
सेक्शन 80डीडीबी में आपने किसी खास बीमारी के इलाज खर्च भी टैक्स छूट के दायरे में आती है. यह खर्च खुद, पति या पत्नी, आश्रित माता-पिता या भाई-बहन के इलाज पर खर्च होता है. वह बीमारी आयकर कानून के नियम 11डीडी के तहत आनी चाहिए. यह डिडक्शन सीनियर सिटीजन के लिए 1 लाख रु हो सकता है. वहीं बाकी मामलों में यह अधिकतम 40 हजार रु हो सकता है.



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