AI Challan: इन कपड़ों को पहनकर न चलाएं कार, वर्ना ट्रैफिक पुलिस का कैमरा भेज देगा हजार रुपये का चालान
Seatbelt Challan: एआई से लैस सर्विलांस कैमरों ने ट्रैफिक पुलिस का तो काम आसान किया है, लेकिन लोगों को कई बार नियमों का पालन करने के बाद भी परेशानियों में फंसना पड़ रहा है...
तकनीक से कई काम आसान हो गए हैं. उन्नत होती तकनीक समय, श्रम और पैसे सबकी बचत में मददगार साबित हो रही है. हालांकि, तकनीक के चलते कुछ गड़बड़ियां भी सामने आ रही हैं. उदाहरण के लिए ट्रैफिक के नियमों से जुड़े इन मामलों को देख लीजिए, जहां नियमों का पालन करने के बाद भी लोगों के चालान कट जा रहे हैं.
एआई कैमरे ने आसान किया ट्रैफिक पुलिस का काम
देश में ट्रैफिक पुलिस कानून का सही से पालन कराने के लिए बड़े पैमाने पर एआई से लैसे कैमरे का इस्तेमाल कर रही है. भारत के सिलिकॉन वैली नाम से मशहूर बेंगलुरु में तो टेक का इस्तेमाल स्वाभाविक है. कर्नाटक में बेंगलुरु व मैसूर समेत कई शहरों में ट्रैफिक पुलिस एआई कैमरे का इस्तेमाल कर रही है. एआई कैमरे ने ट्रैफिक पुलिस के लिए नियमों का पालन कराना आसान बना दिया है.
सही लेन में ड्राइव करना हो, हेलमेट लगाकर बाइक चलाना हो, गाड़ी चलाते समय सीटबेल्ट लगाना हो, ऐसे कई मामलों में कैमरे ने काम को आसान किया है. एआई सर्विलांस कैमरे के डर से लोग इन नियमों का अच्छे से पालन कर रहे हैं, क्योंकि उल्लंघन होते ही कैमरे में तस्वीर आ जाती है और चालान कट जाता है, जिससे हजारों रुपए की चपत लग जाती है.
इस टेक प्रोफेशनल का कटा चालान
बेंगलुरु में एक आईटी कंपनी में काम कर रहे केशव किसलय को AI तकनीक के कारण परेशानी उठानी पड़ गई. एक दिन वह निकले और ट्रैफिक पुलिस के कैमरे ने तस्वीर निकालकर चालान काट दिया. चालान आया सीटबेल्ट नहीं पहनने का. अब केशव हैरान कि वह तो हमेशा ही सीटबेल्ट लगाकर चलते हैं. उस दिन भी सीट बेल्ट लगाए हुए थे. फिर भी उनका चालान कैसे कट गया?
Dear @Jointcptraffic ,@blrcitytraffic
— keshav kislay (@keshav_kislay) June 27, 2024
I recently received a challan for not wearing a seatbelt, despite always wearing it while driving. How does your camera system determine whether someone wearing a black T-shirt is complying with the seatbelt law? @peakbengaluru #Bangalore pic.twitter.com/Im8V1yUfg6
इस तरह निरस्त हुआ सीटबेल्ट चालान
दरअसल उस दिन उन्होंने ब्लैक कलर की टी-शर्ट पहनी हुई थी. टी-शर्ट का कलर ब्लैक होने के चलते कैमरे को सीटबेल्ट का पता नहीं चल पाया. इस कारण केशव का चालान कट गया. उन्होंने इस मामले को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उठाया. बेंगलुरू ट्रैफिक पुलिस ने मामला संज्ञान में आने के बाद ईमेल के जरिए शिकायत बताने को कहा. जब केशव ने सारे डिटेल्स ई-मेल की, तो 5-6 दिनों बाद उनका पेंडिंग चालान निरस्त हो गया.
कर्नाटक के इन 2 शहरों में आ रहे कई मामले
यह इस तरह का अकेला मामला नहीं है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि कर्नाटक में खासतौर पर बेंगलुरु और मैसूर जैसे शहरों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं. फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी कई यूजर्स ने अपने साथ हुई ऐसी घटना की कहानी शेयर की है. सभी कहानियों में एक बात कॉमन है कि यूजर ने गाड़ी चलाते समय डार्क कलर की शर्ट या टी-शर्ट पहनी हुई थी.
बेंगलुरू ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी का दावा
अच्छी बात है कि इस दिक्कत से अथॉरिटी अनजान नहीं है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बेंगलुरू के एडिशनल ट्रैफिक कमिश्नर एन अनुचेत इस परेशानी को स्वीकार करते हैं. हालांकि, वह दावा करते हैं कि बेंगलुरु में अब ऐसा नहीं हो रहा है. बकौल कमिश्नर, जहां तक बेंगलुरु की बात है, हमने दिसंबर 2023 से इस परेशानी को दूर कर दिया है. हम मैनुअली चेक करने के बाद ही चालान इश्यू कर रहे हैं. हालांकि केशव के साथ चालान कटने का मामला दिसंबर 2023 के 6 महीने बाद जून के अंत का है.
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