नई दिल्लीः 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद धीरे-धीरे अलग-अलग चीजों के दामों में जो बदलाव आया है वो आपको पता लग रहा है. जीएसटी के बाद कई चीजों के दाम कम हुए हैं तो कुछ के बढ़े भी हैं. लेकिन आप लोगों के लिए एक अच्छी खबर है कि रेस्टोरेंट में खाना सस्ता हो गया है. खासतौर पर नॉन एसी और जहां एल्कोहल यानी शराब नहीं परोसी जाती है वहां खासकर टैक्स में आपको छूट मिल सकती है.


सवाल 1: जीएसटी से नौकर पेशा लोगों का घूमना और खाना कितना सस्ता हुआ है?
जवाब: जीएसटी लागू होने से ग्राहकों को खासकर नॉन एसी रेस्त्रां में खाना खाने में फायदा मिल रहा है. इन रेस्टोरेंट में खाना 2.50 फीसदी तक सस्ता हुआ है.


सवाल 2. 20 लाख रुपये तक कारोबारियों को जीएसटी देने से छूट का फायदा ग्राहकों तक कैसे पहुंचेगा?
जवाबः जीएसटी में कारोबार सीमा 20 लाख रुपये है, इससे रेस्त्रां चलाने वाले कई ऑपरेटर रजिस्ट्रेशन से बाहर हो जाएंगे जिसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा.


सवाल 3. रेस्टोरेंट में आमतौर पर 5-6 सदस्यों के खाने के बिल पर कितना अंतर आएगा?
जवाबः औसतन 5-6 लोगों के पूरे खाने जिसमें सूप और आइसक्रीम आइटम समेत खाने का बिल 3000 रुपये से ज्यादा का बिल आता है. अब इसमें जीएसटी आने के बाद बिल पर उसी रेस्टोंरेंट में आपको करीब 165 रुपये तक की बचत हो जाएगी.


सवाल 4. रेस्टोरेंट के खाने पर जीएसटी कैसे आपके खाने के बिल को कम कर रहा है?
जवाबः 30 जून तक रेस्टोरेंट के खाने पर वैट और सर्विस टैक्स मिलाकर 20.50 फीसदी बिल बनाकर देते थे. इससे एक हजार रुपये के बिल पर 205 रुपये टैक्स लग जाता था. पहले के 20.50 फीसदी तक के टैक्स के मुकाबले अब जीएसटी के बाद आपके खाने के बिल पर 18 फीसदी टैक्स लगने लगा है. इससे आपके 1000 रुपये तक के बिल पर करीब 52 रुपये तक की बचत होने लगी है. रस्टोरेंट में खानपान 2.50 फीसदी सस्ता हो गया है.

सवाल 5: बजट होटल और रेस्टोरेंट पर जीएसटी आने के बाद क्या अंतर आया है?
जवाबः बजट होटल और रेस्टोरेंट 1000 रुपये का भोजन करने पर टैक्स दर 21 फीसदी थी जो जीएसटी के बाद घटकर 18 फीसदी हो गई है. पहले एसी रेस्टोरेंट पर 14.5 फीसदी वैट, 6 फीसदी सर्विस टैक्स के साथ 0.5 फीसदी कृषि कल्याण सेस देना पड़ता था. अब 18 फीसदी दर से 10000 रुपये पर करीब 30 रुपये का अंतर आ गया है. इसी तरह होटल पर भी टैक्स में हर हजार 20 रुपये कम हुए हैं. पहले रेस्टोरेंट में 29.50 फीसदी और सर्विस चार्ज मिला कर लगभग 31 फीसदी तक टैक्स वसूली हो जाती थी लेकिन अब जीएसटी के बाद ये 18 फीसदी टैक्स स्लैब में आए हैं जिससे यहां खाना-पीना सस्ता हो गया है.