नई दिल्ली: आज के समय में खाता खुलवाने के लिए 18 साल तक का इंतजार नहीं करना पड़ता है. रिजर्व बैंक का आदेश है कि सभी बैंक दस साल से ज्यादा के टीनएजर्स या युवाओं को बचत खाता खुलवाने की मंजूरी दें. वैसे इस समय दस साल से कम उम्र के बच्चों के भी खाते खोले जा रहे हैं.

रिजर्व बैंक के इसी ऑर्डर को ध्यान में रखते हुए सभी बैंको ने युवाओं को के लिए कई प्रकार के बैंक अकाउंट लांच किए हैं. जैसे स्टेट बैंक ने 'पहला कदम' और 'पहली उड़ान' नाम से अकाउंट खोलना शुरु किया है. वही आईसीआईसीआई बैंक ने 'यंग स्टार अकाउंट' तो यूनियन बैंक ने 'यूथ बैंकिंग अकाउंट' नाम से खाते खोलने शुरू किए हैं.

अपने बच्चे का खाता खुलवाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें

बच्चे की उम्र- ज्यादातर बैंक बच्चों के लिए दो श्रेणियों में खाता खोलते हैं. जिन बच्चों की उम्र दस साल से कम है, उनका खाता माता या पिता के साथ ज्वाइंट अकाउंट खोला जाता है. इसमें माता या पिता के साथ मिलकर अकाउंट का इस्तेमाल करना होता है. वही जिनकी उम्र 10 और 18 साल के बीच है, वे अकेले ही अपना अकाउंट इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि इस प्रकार के अकाउंट में सभी बैंकिंग सुविधा नही मिलती है. एटीम कार्ड, डेबिट कार्ड, नेटबैंकिंग जैसी सुविधाएं एक सीमा तक ही मिलती हैं. नेटबैंकिंग के लिए माता-पिता की स्वीकार्यता अनिवार्य होती है.

इंटरनेट प्रयोग- अपने अकाउंट को ऑनलाइन खोलने के लिए नेटबैंकिंग की जरूरत होती है. इस प्रकार के अकाउंट के लिए बैंक सीधे बच्चों को नेटबैंकिंग नही मुहैया कराता है. माता-पिता की मौजूदगी और उनकी इजाजत के बाद आइडी और पासवर्ड देता है.

फंड ट्रांसफर खाता खुलवाते समय यह पक्का कर लें कि बैंक आपके अकाउंट से बच्चे कें अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने की सुविधा दे रहा है या नहीं. कई सारे बैंक केवल अपने बैंक के अकाउंट में ही ये सुविधा देते हैं.

डेबिट कार्ड- डेबिट कार्ड लेते समय यह सुनिश्चित कर लें कि उसमें एसएमएस अलर्ट की सुविधा है. आप अपने बच्चे को एटीएम ले कर जाएं और ये बताएं की किस तरह एटीएम से पैसे निकाले जाते हैं.

खर्च सीमा- यह पता कर लें कि रोजाना आप एटीएम से कितना पैसा निकाल सकते हैं और कितना खर्च कर सकते हैं.

मिनिमम बैलेंस- ये पता कर लें कि इस प्रकार के अकाउंट में कितना कम से कम बैलेंस होना जरूरी है. आमतौर पर यह राशि 2,500 से 5,000 के बीच होती है.

चेक बुक- चेक बुक की सारी प्रक्रिया अपने बच्चे को समझा दें और बता दें कि किस तरह इससे पैसा निकाला जाता है.

सुरक्षा- बैंक से यह पता कर लें कि किस तरह इस अकाउंट को सुरक्षित रखा जा सकता है. वन टाइम पासवर्ड जैसी सुविधा एक्टिवेट करा लें.

तो इस तरह आजकल 10 साल से कम उम्र के बच्चों के भी सेविंग खाते खोले जा सकते हैं, इससे न सिर्फ बच्चों को आर्थिक आजादी का अहसास होगा वहीं पैसे को संभालना और देखभाल कर खर्च करने जैसी जिम्मेदारियों से भी बच्चे वाकिफ होंगे. वहीं बैंक में खाता कैसे खोला जाए और उसकी प्रक्रिया को भी जानेंगे.