क्या लॉकडाउन के दौरान भी आपने दी ईएमआई? बैंकों ने देना शुरू किया है कैशबैक, जानें क्या हैं नियम
एग्रीकल्चर और इससे जुड़ी गतिविधियों के लिए लिए जाने वाले लोन इसमें शामिल नही हैं. वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि खेती-किसानी करने वाले लोगों को ट्रैक्टर और दूसरे तरह के एग्रीकल्चर लोन के इंटरेस्ट पर कोई छूट नहीं मिलेगी.
बैंकों ने ब्याज पर ब्याज माफी योजना के तहत कैश बैक ग्राहकों के खाते में डालना शुरू कर दिया है. यह कैश बैक उन लोगों को मिल रहा है, जिन्होंने माफी योजना की अवधि के दौरान भी अपना ईएमआई दिया था. दो करोड़ रुपये तक लोन लेने वाले कस्टमर और छोटे कारोबार वालों को इस योजना के दायरे में शामिल किया गया है. अगर आपने भी किस्त माफी योजना की अवधि कि दौरान ईएमआई चुकाया है तो यह पक्का कर लें कि कैशबैक आपके खाते में क्रेडिट हो जाए.
5 नवंबर से खातों में आना शुरू हो गया है पैसा
पिछले दिनों आरबीआई ने बैंकों और एनबीएफसी से कहा था कि 5 नवंबर से लोन कस्टमर्स के खातों में पैसा डालना शुरू कर दें. दो करोड़ रुपये से कम जो लोन लेने इस दायरे में शामिल किया है. ये हैं- 1. एमएसएमई लोन 2. एजुकेशन लोन. 3. हाउसिंग लोन. 4. कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन. 5 क्रेडिट कार्ड 6. ऑटो लोन. 7. पर्सनल और प्रोफेशनल लोन 8. कंजप्शन लोन.
एग्रीकल्चर और संबंधित क्षेत्र से जुड़े लोन के मामले में कैशबैक नहीं
एग्रीकल्चर और इससे जुड़ी गतिविधियों के लिए लिए जाने वाले लोन इसमें शामिल नही हैं. वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि खेती-किसानी करने वाले लोगों को ट्रैक्टर और दूसरे तरह के एग्रीकल्चर लोन के इंटरेस्ट पर कोई छूट नहीं मिलेगी. वित्त मंत्रालय ने ब्याज पर ब्याज से मिलने वाली छूट स्कीम पर FAQ जारी किया है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि 5 नवंबर तक ऐसे सभी अकाउंट होल्डर साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज के अंतर का कैशबैक मिलेगा, जिन्होंने किसी भी तरह का लोन लिया हुआ है.
सरकारी खजाने पर 6,400 करोड़ रुपये का बोझ
रिफंड यानी कैशबैक 1 मार्च से लेकर 21 अगस्त, 2020 (छह महीने या 184 दिन) तक की अवधि के दौरान के ईएमआई के लिए है. यानी इस अवधि में ईएमआई देने वालों को ही कैशबैक का लाभ मिलेगा. क्रेडिट कार्ड पर बकाया के मामले में कैशबैक दिया जा रहा है. यानी अगर इस अवधि में आपने क्रेडिट कार्ड का बिल और बकाया चुका है तो आपको इस अवधि का कैशबैक मिलेगा . रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना से सरकारी खजाने पर 6,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.
Car loan: जल्दबाजी में कभी न लें कार लोन, इन बातों का जरूर रखें ध्यान
होम लोन के मोर्चे पर छिड़ी बैंकों की जंग- आखिर, एक के बाद एक बैंक क्यों घटा रहे हैं इंटरेस्ट रेट?