अधिकांश लोगों को अपना घर बनवाने या फिर खरीदने के लिए होम लोन लेना पड़ता है. हालांकि कई कारणों से बैंक होम लोन देने से मना कर देते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं जिन्हें आजमाकर आप आसानी से होम लोन ले सकते हैं.


सिबिल स्कोर बेहतर करें



  • सिबिल स्कोर लोन दिलाने में सबसे अहम कारक है. इससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री का पता चलता है. हमेशा सिबिल स्कोर का ध्यान रखना चाहिए.

  • इसके जरिए बैंक ये देखते हैं कि आपने पहले लोन लिया है या क्रेडिट कार्ड आदि का किस तरह इस्तेमाल किया है.

  • क्रेडिट स्कोर रीपेमेंट हिस्ट्री, क्रेडिट इस्तेमाल का अनुपात, मौजूदा लोन और बिलों के समय पर पेमेंट से पता चलता है.

  • क्रेडिट स्कोर 300-900 की रेंज में होता है. 700 या उससे ज्यादा के स्कोर को अच्छा माना जाता है.

  • लोन या कोई अन्य ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बकाया तय समय से पहले चुकाने की आदत डालें. इसमें कभी चूकें नहीं.

  • क्रेडिट स्कोर नियमित रूप से को चेक करें.क्रेडिट स्कोर की नियमित जानकारी होने से आप उसमें समय रहते सुधार कर सकेंगे.

  • अगर आपके कर्ज लौटाने का रिकॉर्ड बढ़िया है तो समझ लें कि आपका सिबिल स्कोर भी उतना ही अच्छा होगा. 

  • अच्छा क्रेडिट स्कोर रखने के लिए जरूरी है कि आप एक समय पर एक से ज्यादा लोन ना लें क्योंकि इसका असर आपके क्रेडिट पर देखने को मिलता है.


जॉइंट होम लोन के लिए की सकते है अप्लाई



  • अगर होम लोन नहीं मिल रहा है तो ज्वाइंट होम लोन अच्छा ऑप्शन है.

  • ज्वॉइंट होम लोन लेने से कर्ज देने वाली संस्‍थान का जोखिम कम हो जाता है।

  • अपनी पहचाने के किसी ऐसे शख्स को को-एप्लीकेंट बनाएं जिसकी स्‍थायी इनकम हो और अच्‍छा क्रेडिट स्‍कोर हो।

  • को-एप्‍लीकेंट को जोड़ने से लोन मिलने के चांस बढ़ जाते हैं.

  • ज्वॉइंट होम लोन लेने पर दोनों आवेदक इमकम टैक्स कटौती का फायदा ले सकेंगे.


कम रकम के लिए करें अप्लाई



  • होम लेना चाहते हैं तो लोन-टू-वैल्‍यू (एलटीवी) रेशियो कम रखें. यानि घर खरीदने के लिए आपको अपना कॉन्ट्रिब्‍यूशन ज्‍यादा होगा.

  • इससे बैंक का जोखिम कम होता है और लोन मिलने के चांस बढ़ जाते हैं.

  • कम एलटीवी रेशियो की वजह से कम ईएमआई से लोन की अफोर्डेबलिटी बढ़ती है.


किस बैंक में अप्लाई करें



  • जिस बैंक में आपका खाता या एफडी हो उस बैंक में लोन के लिए अप्लाई करना चाहिए.

  • ऐसा करने से लोन लेने के चांस बढ़ जाते हैं.


फिक्स ऑब्लिगेशन टू इनकम रेश्यो का रखें ध्यान



  • फिक्स ऑब्लिगेशन टू इनकम रेश्यो (FOIR) से पता चलता है कि आप हर महीने लोन की कितने रुपए तक की किस्त दे सकते हैं।

  • बैंक लोन देते वक्त FOIR जरूर देखते हैं.

  • इससे पता चलता है कि आपकी पहले से जा रही ईएमआई, घर का कि‍राया, बीमा पॉलि‍सी और अन्‍य भुगतान मौजूदा आय का कि‍तना फीसदी है।

  • बैंक को अगर आपके ये सभी खर्च आपकी सैलरी के 50% तक लगते हैं तो होम लोन का आवेदन रिजेक्ट हो सकता है.


लोन ऑफर



  • बैंक की तरफ से समय-समय पर मिलने वाले लोन ऑफर्स के बारे में पूरी जानकारी रखें.

  • जल्दबाजी में लोन न लें कई बैकों की लोन स्कीमों के बारे में पहले पता करें और फिर आवेदन करें.


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