Maintenance charges on Dormant Inactive Demat Account: क्या आप जानते हैं किन हालातों में डिमैट अकाउंट को इनएक्टिव या डॉरमैट ( Inactive or Dormant Accounts ) घोषित किया जाता है? क्या आप जानते हैं डिमैट अकाउंट के इनेक्टिव होने के बावजूद ब्रोकर्स आपसे अकाउंट मेनटेनेंस चार्ज ( Maintenance charges ) वसूल सकते हैं? दरअसल सेबी ने जानकारी दी है कि अगर कोई क्लाइंट 6 महीने तक डिमैट अकाउंट ( Demat Account) ऑपरेट नहीं करता है तो डिपॉजिटरीज ( Depositories) उस डिमैट अकाउंट को Dormant घोषित कर सकते हैं.
31 दिसंबर से पहले सभी डिमैट अकाउंट होल्डर्स कर ले ये काम
इसके साथ ही सेबी के नए नियम के मुताबिक 31 दिसंबर 2021 से पहले अगर किसी डिमैट अकाउंट होल्डर ने 6 केवाईसी डिटेल्स उपलब्ध नहीं कराया है जिसमें नाम, पता, पैन नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और इनकम रेंज घोषित नहीं करता है तो ऐसे अकाउंट Non Compliant इनएक्टिव करार दिये जायेंगे.
31 मार्च 2022 से पहले घोषित करें नॉमिनी
इतना ही नहीं यदि कोई डिमैट अकाउंट होल्डर 31 मार्च 2022 से पहले किसी को नॉमिनी नहीं बनाता है या Opt Out Nomination का विकल्प नहीं चुनता है तो ऐसे अकाउंट भी इनएक्टिव हो जायेंगे. ऐसे डिमैट अकाउंट में कोई भी डेबिट ड्रांजैक्शन अकाउंट होल्डर नहीं कर पायेंगे.
Dormant अकाउंट पर भी लगेगा मेनटेनेंस चार्ज
Dormant या Inactive डिमैट अकाउंट्स पर मेनटेनेंस चार्ज वसूला जा सकता है. बेसिक सर्विसेज वाले डिमैट अकाउंट से अकाउंट में पड़े सिक्योरिटिज के आधार पर Nil या 100 रुपये मेनटेनेंस चार्ज वसूला जा सकता है. नार्मल डिमैट अकाउंट के केस में डिपॉजिटरी और क्लाइंट्स के बीच हुये समझौते के आधार पर मेंनटेनेंस चार्ज लगता है.