पिछले कुछ साल से आईटीआर दाखिल करने वाले लोगों की तादाद काफी बढ़ी है. ज्यादा से ज्यादा लोग आईटीआर दाखिल करें इसके लिए और कोशिश की जा रही है. वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में सरकार ने एक नया प्रावधान किया है, जिसके मुताबिक इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल न करने पर ज्यादा टीडीएस देना होगा. यानी आपके इनकम सोर्स से ज्यादा टैक्स कटेगा. यह TDS पहले से दोगुना भी हो सकता है.


टैक्स कलेक्शन सोर्स यानी TCS भी होगा ज्यादा 


नए नियमों के मुताबिक, जिन लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है, उन पर टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स यानी TCS भी ज्यादा लगेगा. नए नियमों के मुताबिक, 1 जुलाई 2021 से ये दरें 10-20 फीसदी होंगी जो कि आमतौर पर 5-10 फीसदी होती थीं. TDS और TCS के दायरे को बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में सेक्शन 206AB और 206CCA जोड़े गए हैं. अब तक ज्यादा TDS की दर केवल तब लागू होती थी, जब टैक्सपेयर्स ने अपना पैन दर्ज नहीं कराया हो. TDS की दरों के कारण पैन कार्ड लेने के मामलों में इजाफा हुआ है. हालांकि बड़ी संख्या में लोग अभी भी अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं.


किसके लिए आईटीआर भरना जरूरी


अगर आपको नौकरी, कारोबार या पेशे से टैक्स छूट की सीमा से अधिक आय हो रही है तो आयकर रिटर्न भरना जरूरी है. आयकर रिटर्न भरने और इनकम टैक्स जमा करने में फर्क है. इनकम टैक्स रिटर्न भरने का मतलब सरकार को अपनी आमदनी-निवेश और खर्च की जानकारी देना है. आयकर रिटर्न भरने के बाद अगर आप पर टैक्स देनदारी बनती है तो आपको टैक्स चुकाना पड़ता है. अगर आप भारत के नागरिक हैं या प्रवासी भारतीय हैं और आपकी किसी एक फाइनेंशियल ईयर में कुल सालाना आय 2,50,000 रुपये से ज्यादा है तो आपके लिए आईटीआर भरना जरूरी है.


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