नई दिल्लीः पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड भारत की सबसे लोकप्रिय निवेश योजना है. इसके जरिए लंबे समय तक निवेश किया जा सकता है, जिस पर टैक्स में छूट मिलती है. इसमें निवेश की मैच्योरिटी अवधि 15 वर्ष होती है, जिसे आप बढ़ा सकते हैं. यह योजना काफी लोकप्रिय इसलिए भी है, क्योंकि इसमें निवेशकों का पैसा सुरक्षित होने के साथ बढ़िया दर से रिटर्न मिलता है. पीपीएफ को साल 1968 में वित्त मंत्रालय के नेशनल सेविंग इंस्टीट्यूट ने जनता के लिए पेश किया था.


जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पीपीएफ में निवेश करना काफी फायदेमंद और सुरक्षित होता है, क्योंकि इसकी गारंटी भारत सरकार लेती है. इस खाते को बैंक या डाकघर में आवेदन कर खोला जा सकता है. खास बात यह है कि पीपीएफ खाता एक ही खोला जा सकता है. अगर आप हर महीने इसमें निवेश की राशि जमा नहीं करेंगे, तो यह खाता इनएक्टिव (बंद) हो जाता है. अगर आपका खाता भी कोरोना महामारी के संकट में बंद हो गया है, तो इन तरीकों को अपनाकर एक्टिव करा सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको कुछ जुर्माना भी देना होगा.


ऐसे पीपीएफ खाते को करा सकते हैं एक्टिव


इन-एक्टिव पीपीएफ अकाउंट को दोबारा एक्टिव कराने के लिए आपको एक प्रक्रिया से गुजरना होगा. सबसे पहले आपको उस बैंक या डाकघर की शाखा में जाना होगा, जहां आपने खाता खुलवाया था. यहां आपको खाता एक्टिव कराने का एक फॉर्म दिया जाएगा. इसमें आपको अपनी डिटेल भरकर संबंधित काउंटर पर जमा करना होगा. इसके बाद हर साल के लिए एरियर चुकाना पड़ेगा. यह न्यूनतम पेमेंट 500 रुपये का है. हालांकि हर साल के हिसाब से 50 रुपये का जुर्माना भी देना होगा. अगर मान लिया जाए कि पांच साल तक खाता इन-एक्टिव है तो आपको 2250 रुपये देने होंगे.