नई दिल्लीः पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट खाते में आप पैसा रखकर अच्छा रिटर्न भी हासिल कर सकते हैं और इनकम टैक्स भी बचा सकते हैं. साल भर में इसमें 1.5 लाख रुपये तक के निवेश के ऊपर आप आयकर की धारा 80सी के तहत इनकम टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं.


इस खाते को चालू रखने के लिए जरूरी है कि साल भर में कम से कम आप 500 रुपये इसमें निवेश करें वर्ना आपका खाता निष्क्रिय हो सकता है. अगर आप किसी फाइनेंशियल इयर के दौरान यानी 1 अप्रैल से लेकर 31 मार्च तक न्यूनतम 500 रुपये भी अपने पीपीएफ खाते में नहीं डालेंगे तो आपका खाता निष्क्रिय हो जाएगा.

क्या करें अगर पीपीएफ खाता हो गया है निष्क्रिय
दोबारा उस बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाएं जहां आपका पीपीएफ खाता है. जितने समय से आपने पीपीएफ खाते में पैसा जमा नहीं कराया है तो उतने साल के लिए 500 रुपये हर साल के हिसाब से देने होंगे. इसके अलावा 50 रुपये हर साल के हिसाब से पेनल्टी भी देनी होगी. इसके अलावा 500 रुपये उस साल के सब्स्क्रिप्शन के तौर पर आपको अग्रिम जमा कराने होंगे जिस साल में आपको खाता दोबारा चालू कराना है.


निष्क्रिय खाता मैच्योरिटी से पहले नहीं होगा बंद
अगर आपका पीपीएफ खाता निष्क्रिय हो गया है तो मैच्योरिटी से पहले उस खाते को आप बंद नहीं करा सकते हैं. निष्क्रिय खाते में आपका पैसा लॉक हो जाएगा और मैच्योरिटी के वक्त पर ही आप उसको निकाल पाएंगे.


डिस्क्लेमरः हाल ही में सरकार ने लघु बचत योजनाओं जैसे पीपीएफ, सुकन्‍या समृद्धि योजना, नेशनल सेविंग्‍स सर्टिफिकेट, सीनियर सिटिजन सेविंग्‍स स्‍कीम आदि के लिए ब्‍याज दरों की घोषणा की थी. इसमें वित्‍त वर्ष 2019-20 की अक्‍टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए पीपीएफ की ब्‍याज दर अपरिवर्तित रखी गई है और यह 7.9 फीसद हैं.


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