IFCI Share Price: शेयर बाजार में इन दिनों सरकारी कंपनियों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है. रेलवे, पावर और डिफेंस सेक्टर से जुड़ी कई कंपनियां हैं जिन्होंने निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. पर कई ऐसी सरकारी कंपनियां हैं जो इस तेजी में पीछे छूट गई थीं और अब इन स्टॉक्स में बाजार में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है. हम बात कर रहे हैं सरकारी क्षेत्र की नॉन डिपॉजिट एनबीएफसी कंपनी आईएफसीआई लिमिटेड (IFCI Limited) की.
आज से ठीक एक साल पहले 30 जनवरी 2023 को आईएफसीआई लिमिटेड का स्टॉक 12.15 रुपये पर क्लोज हुआ था. इस बीच 28 मार्च 2023 को स्टॉक 9 रुपये के लेवल तक नीचे जा फिसला था. और एक साल बाद 30 जनवरी 2024 को इस स्टॉक ने 63.85 रुपये के लाइफटाइम हाई को छूआ है. महज एक वर्ष में आईएफसीआई के शेयर ने निवेशकों को 425 फीसदी का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. और 28 मार्च के लोअर लेवल से देंखे तो जिन निवेशकों ने 9 रुपये के भाव पर आईएफसीआई का स्टॉक खरीदा है उन निवेशकों को स्टॉक ने 6 गुना से ज्यादा 609 फीसदी का रिटर्न अब तक दे चुका है.
24 साल पहले 2000 में आईएफसीआई स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुई थी. दिसंबर 2007 में स्टॉक ने 116 रुपये का हाई बनाया था. पर इसके बाद शेयर में लगातार गिरावट देखने को मिली थी. लंबे समय से स्टॉक निवेशकों को निराश कर रहा था. लेकिन इतने वर्ष के खराब प्रदर्शन के बाद एक वर्ष में ही स्टॉक ने निवेशकों को उसकी भरपाई कर दी.
आईएफसीआई अलग अलग इंडस्ट्रीज को कर्ज के माध्यम से वित्तीय मदद प्रदान करती है. कंपनी ने एयरपोर्ट, सड़क, टेलीकॉम, पावर, रियल एस्टेट, मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज सेक्टर से जुड़ी कंपनियों को कर्ज उपलब्ध कराया है. कंपनी के वेबसाइट के मुताबिक अडानी समूह का अडानी मुंद्रा पोर्ट, जीएमआर का गोवा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, सालासार हाईवे जैसे बड़े प्रोजेक्ट की आईएफससी ने फंडिंग की है.
कंपनी के फाइनेंशियल परफॉरमेंस पर नजर डालें तो 2022-23 में कंपनी का रेवेन्यू 1485 करोड़ रुपये रहा है जबकि 119 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. हालांकि 2021-22 के मुकाबले नुकसान में कमी आई है जब कंपनी को 1761 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
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