आर्थिक मोर्चे पर भारत को आज लगातार दूसरी अच्छी खबर मिली है. आज ही खुदरा महंगाई (Retail Inflation March 2023) और औद्योगिक उत्पादन (IIP February 2023) के आंकड़े जारी हुए. दोनों ही मोर्चे पर सकारात्मक रुझान सामने आया है. मार्च महीने महंगाई में कमी आने के बाद फरवरी के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े शानदार आए हैं.


लगातार दूसरे महीने बंपर तेजी


आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत का औद्योगिक उत्पादन फरवरी महीने के दौरान 5.6 फीसदी की दर से बढ़ा. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक यानी आईआईपी इससे पहले जनवरी महीने में 5.2 फीसदी रहा था. इस तरह लगातार दूसरे महीने औद्योगिक उत्पादन के बढ़ने की दर 5 फीसदी से ज्यादा रही है. दिसंबर 2022 के महीने में इसमें 4.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी.


सेक्टर वाइज ऐसी रही ग्रोथ


राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, फरवरी महीने के दौरान विनिर्माण सेक्टर का आउटपुट 5.3 फीसदी की दर से बढ़ा है. इसी तरह खनन क्षेत्र के आउटपुट में 4.6 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. बिजली उत्पादन के मामले में तो यह वृद्धि दर और बेहतर 8.2 फीसदी रही है. यह बताता है कि देश में औद्योगिक गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं, क्योंकि बिजली की खपत तेज हो रही है.


ये है 11 महीनों का हाल


फरवरी महीने को मिलाने के बाद पिछले वित्त वर्ष के 11 महीनों के आईआईपी आंकड़े सामने आ चुके हैं. पूरे वित्त वर्ष के अब तक के उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से देखें तो अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 के दौरान विनिर्माण में सालाना आधार पर 4.9 फीसदी की तेजी आई है. इस दौरान खनन सेक्टर में 5.7 फीसदी और बिजली उत्पादन में 10 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है.


जीडीपी वृद्धि के अनुमान


आपको बता दें कि एनएसओ ने 28 फरवरी 2023 को अर्थव्यवस्था को लेकर दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया था. उसके हिसाब से 2022-23 में भारत की जीडीपी में 7 फीसदी की दर से बढ़ोतरी की उम्मीद जाहिर की गई थी. वहीं रिजर्व बैंक ने हाल ही में अनुमान जाहिर किया है कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 फीसदी रह सकती है.


खुदरा महंगाई ने भी दी राहत


आईआईपी के आंकड़े सामने आने से पहले खुदरा महंगाई के भी आंकड़े जारी किए गए. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मार्च महीने के दौरान खुदरा महंगाई में और कमी दर्ज की गई. खुदरा महंगाई की दर मार्च के महीने में कम होकर 5.66 फीसदी पर आ गई. इस तरह खुदरा महंगाई एक बार फिर से रिजर्व बैंक के दायरे में आ गई है. इससे पहले फरवरी में खुदरा महंगाई 6.44 फीसदी रही थी.


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