IIP Data: अप्रैल में देश के औद्योगिक उत्पादन में जोरदार तेजी आई है और ये अर्व्यवस्था में रिकवरी का संकेत माना जा सकता है. अप्रैल में आईआईपी (इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन) 7.1 फीसदी पर आया है. मार्च में आईआईपी 1.9 फीसदी पर रहा था. मैन्यूफैक्चरिंग ग्रोथ महीने दर महीने आधार पर 0.9 फीसदी से बढ़कर 6.3 फीसदी पर आ गई है. मार्च के मुकाबले अप्रैल में आईआईपी में 133.5 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है.
जानें आईआईपी डेटा के मुख्य घटकों की दर
माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ अप्रैल में 7.8 फीसदी पर रही है जो मार्च में 4 फीसदी पर आई थी. इसके अलावा इलेक्ट्रिसिटी ग्रोथ अप्रैल में 11.8 फीसदी पर रही है जो मार्च में 6.8 फीसदी पर रही थी. प्राइमरी गुड्स की दर 10.1 फीसदी पर आई है जो मार्च 2022 में 5.7 फीसदी पर रही थी.
कैपिटल गुड्स सहित अन्य सेक्टर का कैसा रहा हाल
अप्रैल में कैपिटल गुड्स सेक्टर में 14.7 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की जा चुकी है जबकि मार्च में इसकी ग्रोथ रेट 0.7 फीसदी पर रही थी. वहीं इंटरमीडिएट गुड्स ग्रोथ की बात करें तो ये अप्रैल में 7.6 फीसदी की दर से बढ़े हैं जबकि मार्च में इनका ग्रोथ रेट 0.6 फीसदी पर रहा था. प्राइमरी गुड्स ग्रोथ अप्रैल में 10.1 फीसदी पर रही है जबकि मार्च में इनका ग्रोथ रेट 5.7 फीसदी पर रहा था.
इंफ्रा गुड्स ग्रोथ में आई गिरावट
हालांकि अप्रैल में इंफ्रा गुड्स ग्रोथ में गिरावट दर्ज की गई है और ये 3.8 फीसदी पर आई है जबकि मार्च में इंफ्रा गुड्स ग्रोथ 7.3 फीसदी पर रही थी. वहीं कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ग्रोथ निगेटिव से पॉजिटिव जोन में आ गई है. मार्च में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ग्रोथ -3.2 फीसदी पर रही थी जो अप्रैल में बढ़कर 8.5 फीसदी पर आ गई है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 6.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर की वजह से पिछले साल के इसी महीने में वृद्धि दर का विश्लेषण किया जाना अभी बाकी है. महामारी की वजह से उस समय औद्योगिक उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ था.
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