IIP Data: देश की औद्योगिक विकास की गति धीमी पड़ती नजर आ रही है. जुलाई महीने में केवल आईआईपी (इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन) की बढ़ोतरी दर केवल 2.4 फीसदी रही है. जबकि जून में आईआईपी (Index Of Industrial Production) दर 12.7 फीसदी थी. सांख्यिकी मंत्रालय ने ये आंकड़े जारी किए हैं. मई महीने के 19.6 फीसदी के आंकड़े छूने के बाद से इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आंकड़ों में गिरावट दर्ज की जा रही है. वहीं माना जा रहा है कि 2021 का जुलाई महीना कोरोना से प्रभावित रहा था ऐसे में लो बेस इफेक्ट के चलते भी ये आंकड़े आये हैं. 


औद्योगिक उत्पादन को इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के जरिए मापा जाता है जिससे पता लगाया जाता है कि देश के औद्योगिक विकास की रफ्तार किस गति से आगे बढ़ रही है. इससे पहले बीते वर्ष जुलाई 2021 में  इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की बढ़ोतरी दर 11.3 फीसदी दर्ज की गई थी. सांख्यिकी मंत्रालय के मुताबिक मई महीने में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 3.2 फीसदी के दर से बढ़ी है. पावर जेनरेशन यानि बिजली उत्पादन 2.3 फीसदी के दर से बढ़ी है. लेकिन सबसे बुरा हाल का माइनिंग सेक्टर का जिसका ग्रोथ रेट नेगेटिव में चला गया है. माइनिंग सेक्टर के आउटपुट में 3.3 फीसदी की गिरावट आई है. 


एक तरफ औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर में गिरावट देखी जा रही है तो दूसरी तरफ खुदरा महंगाई के भी सोमवार को आंकड़े आये हैं. जिसके मुताबिक अगस्त महीने में फिर से खुदरा महंगाई दर 7 फीसदी पर फिर से जा पहुंची है. 


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