नई दिल्लीः माइनिंग और मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन की वजह से औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर मई महीने में घटकर 3.1 फीसदी पर आ गई है. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. मई, 2018 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 3.8 फीसदी थी. इस साल अप्रैल में आईआईपी की वृद्धि दर 4.3 फीसदी और मार्च में 0.4 फीसदी रही थी.


समीक्षाधीन महीने में खनन क्षेत्र की वृद्धि दर मई में घटकर 3.2 फीसदी रह गई. मई, 2018 में माइनिंग क्षेत्र का उत्पादन 5.8 फीसदी बढ़ा था. इसी तरह मई में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर घटकर 2.5 फीसदी रह गई. पिछले साल मई में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 3.6 फीसदी बढ़ा था. हालांकि, इस दौरान बिजली क्षेत्र का उत्पादन 7.4 फीसदी बढ़ा. एक साल पहले समान महीने में बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर 4.2 फीसदी रही थी.


केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के अनुसार निवेश का संकेतक कहे जाने वाले पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन मई में मात्र 0.8 फीसदी बढ़ा. एक साल पहले समान महीने में यह 6.4 फीसदी बढ़ा था. उपयोगकर्ता वर्गीकरण के अनुसार प्राथमिक वस्तु, मध्यवर्ती वस्तुओं और ढांचागत- निर्माण सामान क्षेत्र का उत्पादन पिछले साल के समान महीने की तुलना में क्रमश: 2.5 फीसदी, 0.6 फीसदी और 5.5 फीसदी बढ़ा.


टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन इस दौरान 0.1 फीसदी घटा. वहीं गैर टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन 7.7 फीसदी बढ़ा. उद्योगों के संदर्भ में बात की जाए तो विनिर्माण क्षेत्र के 23 उद्योग समूहों में से 12 में मई महीने में सकारात्मक वृद्धि दर्ज हुई.


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